सिकन्दर शर्मा
सरैयाहाट दुमक: पूजा समिति मरकुंडा के तत्वधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए कथा वाचक आचार्य स्वामी नारायण दर्शन जी महाराज ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, आपके इष्ट या आपके गुरु का अपमान न हो. यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए. चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों हो. कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा.
कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली माँ सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी माँ सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया. परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य एवं संयम की नितांत आवश्यकता रहती है.
इस अवसर पर सचिव दीनबंधु शर्मा, सह सचिव मुकेश शर्मा, रंजन शर्मा, दीपक शर्मा, रोहित शर्मा, सुधांशु शर्मा, उमाशंकर शर्मा, नारायण राय, जीवन शर्मा, गणेश शर्मा सहित पूजा समिति के अन्य लोग उपस्थित थे.