दीपक
रांची: DIWALI के बहाने झामुमो और कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी सरगर्मी को और हवा दे दी है. झामुमो, कांग्रेस में विधानसभा चुनाव को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है. इस बैठक में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम शामिल हुए. दोनों खेमों की तरफ से बातचीत को लेकर निकले नतीजे पर परदा डाला जा रहा है, पर इस बैठक की अहमियत इसलिए भी अधिक है कि भाजपा में शामिल हुए दोनों दलों के पांच विधायकों के बाद इन नेताओं की यह पहली मुलाकात थी.
सूत्रों की मानें तो दोनों दलों ने समान विचारधारा वाले दलों को एक मंच पर लाने का निर्णय ले लिया है. जल्द ही इस संबंध में घोषणा कर दी जायेगी. झामुमो और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. यह तय किया गया है कि सीटींग और दूसरे नंबर की सीटों पर दोनों दल निर्णय ले लेंगे. हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी ने राहत की सांस ली है. इन नतीजों को लेकर भी झामुमो और कांग्रेस नेता उत्साहित हैं. दोनों दलों के नेता इस बात की तैयारी में भी हैं कि झारखंड में सत्तारूढ़ भाजपानीत सरकार के भारी-भरकम दावे को कैसे नेस्तनाबूद कर दिया जाये.
छठ के बाद होगी घोषणा
गठबंधन में झाविमो, राजद, राजद लोकतांत्रिक, जदयू, आप पार्टी, तृणमुल कांग्रेस को शामिल करने पर भी रणनीति तैयार कर ली गयी है. झामुमो की यह दलील है कि उसे 81 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन की सबसे अधिक सीटें चाहिए. भाजपा के चुनावी रथ को रोकने के लिए भी कांग्रेस और झामुमो के बीच एक लकीर खींच ली गयी है. छठ के बाद इसकी साझा घोषणा कर गठबंधन के स्वरूप को बताया जायेगा. यहां तक की भाजपा के 70 प्लस के नारे से निबटने की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. यहां यह बताते चलें कि दोनों दलों में अंतर्विरोध को भी दबाने पर विचार चल रहा है. कांग्रेसी नेता अपने शीर्ष नेतृत्व को पल-पल की गतिविधियों की जानकारी भी दे रहे हैं.