ब्यूरो चीफ,
क्या कहा था सीएम ने-
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मेदांता हॉस्पीटल पर केस करें, व्यापार बना कर रखा है
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दोषी कितना भी बड़ा क्यों न हो, तीन दिन के अंदर कार्रवाई कर बताएं
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लापरवाही के कारण किडनी भी कर दी खराब
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अब तक परिजनों को नहीं मिला है किडनी ट्रांसप्लांट का पैसा
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28 अगस्त को सीएम रघुवर दास ने सूचना भवन में हुए सीधी बात कार्यक्रम में दिया था कार्रवाई का आदेश
रांची: सीएम रघुवर दास के आदेश के लगभग तीन माह बाद भी मेदांता अस्पताल प्रबंधन की तरफ से राजेश कुमार पासवान के परिजनों को अब तक किडनी ट्रांसप्लांट का पैसा नहीं मिला है. 28 अगस्त 2019 को रांची की सुमन देवी ने शिकायत में कहा कि मेदांता हॉस्पीटल में उनके पति राजेश कुमार पासवान का किडनी प्रत्यारोपण किया गया था. किडनी खुद राजेश कुमार पासवान की पत्नी सुमन देवी ने ही दी थी. लेकिन डॉ पीडी सिन्हा, डॉ सिद्धार्थ मित्रा, डॉ घनश्याम सिंह सहित अन्य डॉक्टरों की टीम की घोर लापरवाही के कारण उनके पति की किडनी दो माह में ही खराब हो गई.
इसके खिलाफ ST-SC थाने में केस भी दर्ज कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इतना सुन सीएम एक्शन में आ गए थे. उन्होंने कहा कि मेदांता पर केस करें. मेडिकल को व्यापार बना कर रखा है. रांची SP को कहा कि जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें, चाहे दोषी कितना भी बड़ा क्यों न हो. तीन दिन के अंदर कार्रवाई कर बताएं.
परिजनों को अब तक नहीं मिला किडनी ट्रांसप्लांट का पैसा
सीएम के आदेश के बाद भी मेदांता अस्पताल प्रबंधन की तरफ से राजेश कुमार पासवान के परिजनों को अब तक किडनी ट्रांसप्लांट का पैसा नहीं मिला है. अब लोकायुक्त कार्यालय में राजेश कुमार की पत्नी सुमन देवी की शिकायत पर 22 नवंबर को सुनवाई तय की गयी है. सीएम के आदेश के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उमेश चंद्र सिन्हा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ संजय कुमार और राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विजय नाथ खन्ना ने अपनी रिपोर्ट में मेदांता अस्पताल द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर लिये गये पैसे लौटाने का निर्देश दिया था.
मेदांता अस्पताल से झारखंड सरकार के बीच हुए समझौते को भी निरस्त करने का निर्देश दिया गया था. राजेश कुमार पासवान की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुनः आयुष्मान योजना के अंतर्गत उसके इलाज और किडनी दाता मिल जाने पर किडनी ट्रांसप्लांट की सरकारी सुविधा दिये जाने का आदेश दिया गया था.
जानकारी के अनुसार, सुमन देवी के अनुसार 10 मार्च 2017 को मेदांता अस्पताल द्वारा राजेश कुमार पासवान का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था. मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत अब्दुर रज्जाक अंसारी मेमोरियल अस्पताल (मेदांता) अस्पताल की तरफ से पहले 2 लाख 29 हजार 5 सौ 25 रुपये का प्राक्कलन दिया गया था.
लातेहार के सिविल सर्जन की तरफ से 15 दिसंबर 2017 को यह राशि सुमन देवी के परिजनों को उपलब्ध करायी गयी. 9 जनवरी 2018 को मेदांता अस्पताल की तरफ से 8 लाख 38 हजार 8 सौ 88 रुपये का बिल दे दिया गया, जो प्राक्कलन से काफी अधिक था.
इसके बाद मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में भी शिकायत की गयी. अब तक परिजनों की तरफ से एक लाख रुपये से अधिक की राशि का भुगतान भी नहीं किया गया. यहां तक की पीड़ित की पत्नी ने अपना किडनी भी अपने पति को दिया, जिसका सफल ट्रांसप्लांट नहीं हो सका. अब पीड़ित परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है.