दक्षिण भारत में भारी बारिश और तूफान का खतरा अभी टला नहीं है. मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है. बता दें कि मानसून का सीजन खत्म होने के बाद भी देश के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है. मौसम विभाग ने लक्षद्वीप में दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं केरल के छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. त्रिशूर और पलक्कड़ जिले में यलो अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली एजेंसी स्काईमेट की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु, केरल, तटीय एवं दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और लक्षद्वीप में कुछ स्थानों पर भारी से ज्यादा भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा पुद्दुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में भारी बारिश की आशंका है. यही नहीं मराठवाड़ा, कोंकण, गोवा और माही में आंधी-तूफान के साथ बौछारें पड़ सकती हैं.
मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि अरब सागर के पश्चिम मध्य तटीय इलाकों में अधिकतम 170 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. इसके अलावा गरज-चमक के साथ भारी बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग ने इन इलाकों के मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है.
स्काईमेट के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है. यह मौसमी सिस्टम उत्तर-पश्चिम दिशा से गुजरते हुए दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर पहुंचे कर और शक्तिशाली बन सकता है. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अरब सागर में चौथा चक्रवात बनने की परिस्थितियां बन रही हैं. अमूमन अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी में काफी संख्या में चक्रवात बनते हैं. हालांकि, इस साल स्थिति अलग है. अरब सागर में पहले से ही तीन चक्रवात बन चुके हैं और चौथा बनने वाला है.
स्काईमेट ने अपनी ऑल इंडिया बुलेटिन में कहा है कि यदि अरब सागर में चक्रवाती तूफान बनता है तो इसका नाम ‘महा’ होगा. इससे पहले चक्रवाती तूफान वायु, हिका और क्यार देखे जा चुके हैं. वैसे, इस तूफान का सीधा असर भारत के मुख्य भू-भाग पर पड़ने की कम ही पड़ेगा. हालांकि, इसके कारण बेने सिस्टम से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक के साथ-साथ लक्षद्वीप में भारी से ज्यादा भारी बारिश होती रहेगी. तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक तटों के पास समुद्र में कम से कम 15 फीट ऊंची लहरें उठने की आशंका है.