रांची: प्रदेश में झाविमो का जनाधार खत्म हो चुका है. जनता समझ चुकी है कि झाविमो के पास न नियत है, न नीति है और न ही कार्यक्रम. उक्त बातें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने हरमू स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में कही. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से बाबूलाल मरांडी ने सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को तृप्त करने का प्रयास किया, उसी का नतीजा है कि आज झाविमो को लगातार लोग छोड़ते जा रहे हैं.
हमने देखा कि किस तरह से पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों झाविमो नेता बुरी तरह से पराजित हुए ,और खुद बाबूलाल मरांडी 4.5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हारे. वर्मा ने कहा कि भाजपा का मुकाबला करने का दंभ भरने वाली झाविमो पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यदि जनता उन्हें समर्थन दे रही है तो उनकी पार्टी के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी कैसे लगातार चार चुनाव हार गए ?
वर्मा ने बताया कि झाविमो के नेतागण कभी हमारी आन बान और शान के लिए मर मिटने वाली हमारी देश की सेना पर कटाक्ष करते हैं तो कभी हिंदुओ की आराध्य गौ माता पर विवादित बयान दे डालते हैं, और तो और खुद बाबूलाल मरांडी नवजात शिशुओं के सौदागर मिशनरी संस्था निर्मल ह्रदय को संरक्षण भी देते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अवैध काम करने वाले मिशनरी संस्थाओं के साथ खड़े रहना तुष्टिकरण नहीं तो और क्या है ? बच्चों का व्यापार करने वाले मिशनरी धर्मगुरुओं के साथ उनका जुड़ाव वोटबैंक की राजनीति नहीं तो और क्या है ?