गोड्डा: साइबर क्राइम पर शिकंजा कसते हुए जिला पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है. जो पथरगामा थाना क्षेत्र के मधुसूदनपुर का रहने वाला नवजोत सिंह है. जबकि मास्टर माइंड अजीम अंसारी भागने में सफल रहा जो देवघर का रहने वाला है. अबतक जिला में हुए साइबर अपराध में यह साफ हो चुका है कि देवघर के साइबर अपराधी जिले में साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं. गिरफ्तार नवजोत सिंह व उसका सरगना अजीम अंसारी बिहार झारखंड व असम में लगभग दर्जन भर लोगों को अपना शिकार बनाया है. और साइबर अपराध में लगभग 15 लाख रुपये की ठगी की गई है. सोमवार को पुलिस कार्यालय में जानकारी देते एसपी शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिल रही थी कि साइबर अपराधी पथरगामा थाना के खैरबनी फुटबाल मैदान में है. पुलिस ने इसका पीछा किया तो दोनों भागने लगे जिसमें एक नवजोत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जबकि देवघर का मास्टर माइंड अजीम अंसारी भागने में सफल रहा. जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है.
एसपी ने बताया पुलिस को पूछताछ के दौरान गिरफ्तार नवजोत सिंह ने बताया कि वह गुजरात में मजदूरी करता था. इस दौरान उसकी मुलाकात अजीम अंसारी से हो गई. देवघर के अजीम अंसारी ने नवजोत से कहा कि वे अपना खाता नंबर दें जिसमें ठगी का पैसा भेजता रहे. साइबर अपराध से जो राशि आएगी, कमीशन के तौर 20 प्रतिशत हिस्सा देता रहेगा. इसके बाद राशि का बीस प्रतिशत नवजोत को मिलने लगा. खैराबनी में नवजोत ने अजीम को फुटबाल मैदान के पास बुलाया था. कहा कि नवजोत के पास एक एंड्रायड टच स्क्रीन मोबाइल, एसबीआई, एचडीएफसी, बैंक आफ बड़ौदा सहित विभिन्न बैंक के दस एटीम कार्ड भी बरामद किए गए.
पुलिस अब उसके नेटवर्क का पता लगा रही है. इसका नेटवर्क देवघर और दुमका के साथ ही जामताड़ा जिला से जुड़ा हुआ है. गिरफ्तार आरोपित ने गुजरात के सहायक समादेष्ठा धर्मेन्द्र कुमार से ढाई लाख, बिहार हाजीपुर के रविशंकर से 38 हजार, खगड़िया बिहार के पंकज चौरसिया के खाता से 80 हजार, पंकज चौधरी महागामा गोड्डा से 15 हजार पांच रूपये की ठगी की है. मामले को लेकर पथरगामा थाना में आईटी व साइबर एक्ट व साजिश रचकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है. एसपी शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल ने इसका खुलासा किया.