नई दिल्ली: दिल्ली के भीड़ भरे जिन चौराहों पर एयर प्यूरीफायर लगाए गए थे वहां प्रदूषण के स्तर में कोई खास सुधार नहीं देखा गया. एक अधिकारी ने कहा कि इन चौराहों में एक्यूआई आमतौर पर 400 से ऊपर रहता है.
एयर प्यूरीफायर इसमें 15-20 फीसदी से ज्यादा कमी नहीं ला पाए. इन एयर प्यूरीफायर को लगाने और इनकी मॉनिटरिंग का जिम्मा सीएसआईआर की नागपुर स्थित प्रयोगशाला नीरी को दिया गया था. नीरी में इस परियोजना को देख रहे सुनील गुलिया ने कहा कि परियोजना को सर्दियां शुरू होने से पूर्व ही सीपीसीबी ने बंद कर दिया था. इस परियोजना के प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट सीपीसीबी को सौंप दी है तथा आगे चलाने या नहीं चलाने का निर्णय उसी को करना है.
गुलिया ने हालांकि रिपोर्ट का ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया. लेकिन सूत्रों का कहना है कि जिन स्थानों पर एयर प्यूरीफायर लगाए गए थे, वहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कोई खास सुधार नहीं देखा गया. मूल योजना के तहत यदि यह परियोजना सफल रहता तो ऐसे एयर प्यूरीफायर दिल्ली के अन्य चौराहों एवं कॉलोनियों में भी स्थापित करने की योजना थी. एयर प्यूरीफायर पीएम 2.5 तथा पीएम-10 को सोखते हैं.