रांची: झारखंड ने पिछले पांच वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है. प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड को बड़ा विस्तार मिला. जिससे आज राज्य की शैक्षणिक योग्यता में अविश्वसनीय इजाफा हुआ. उक्त बातें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कही.
उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले पांच वर्षों में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. देश में उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात में हो रही बढ़ोतरी की तुलना में झारखंड में रफ्तार काफी अधिक है. साहू ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए जारी ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में वर्ष 2011-12 में सकल नामांकन अनुपात (जीइआर) 9.9 था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़ कर 19.1 हो गया है.
उन्होंने कहा कि एसटी के नामांकन अनुपात में 5.6 से 13.7 हुआ. उच्च शिक्षा में अनुसूचित जनजाति कोटि के विद्यार्थियों के नामांकन में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है, वर्ष 2011-12 में राज्य में अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों का नामांकन अनुपात 5.6 था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 13.7 हो गया है. वर्ष 2011-12 में राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) के विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात 9.9 था, जो वर्तमान में बढ़ कर 18.7 हो गया है.
साहू ने कहा कि यह सरकार के प्रयास का ही परिणाम है कि उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए हाल के वर्षों में सरकार द्वारा कई प्रयास किये गये हैं. विश्वविद्यालय और कॉलेजों में द्वितीय पाली में पढ़ाई शुरू की गयी है. राज्य में सरकारी विश्वविद्यालय के साथ-साथ निजी विश्वविद्यालय भी खोले गये हैं रांची कॉलेज को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में अपग्रेड किया गया, जबकि विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय धनबाद की स्थापना की गयी.
उन्होंने कहा कि राज्य में 13 जिलों में मॉडल कॉलेज, 12 जिलों में महिला महाविद्यालय व 27 अन्य डिग्री महाविद्यालय सहित कुल 52 महाविद्यालयों की स्थापना की गई. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड के स्तर में 2014 की तुलना में 2019 में काफी विकास हुआ. 2014 में जहां 32 आई टी आई थे वहीं 2019 में आईटीआई कॉलेज की संख्या 59 हो गई जबकि 2014 में 30 पॉलिटेक्निक की तुलना में अब 43 पॉलिटेक्निक कॉलेज खुल चुके हैं.