रांचीः भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि गरीब आदिवासी-मूलवासियों के हक की झूठी बातें करने वाले झामुमो ने टिकट की बोली लगाकर लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने जिन गरीबों के लिए आज से 50 वर्ष पूर्व लड़ाई लड़ी थी आज उन्हीं गरीब आदिवासी मूलवासियों के हक को झामुमो मारने का काम कर रहा है. झामुमो के वर्तमान नेतृत्व ने यह कभी नहीं चाहा कि समाज में अंतिम पंक्ति में खड़ा आदिवासी मूलवासी राजनीतिक रूप से सशक्त हो. इसलिए झामुमो इन वर्गों में भी क्रीमी लेयर को आगे लाकर टिकट देना चाहते हैं. प्रतुल गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे.
झामुमो को गरीब आदिवासी-मूलवासियों के उत्थान से मतलब नहीं
प्रतुल ने कहा कि गरीब आदिवासी-मूलवासियों के उत्थान से झामुमो को कोई मतलब नहीं. तभी तो झारखंड मुक्ति मोर्चा 51 हजार रुपए का भारी भरकम शुल्क आवेदन देने के लिए वसूल रही है. टिकट मिलने के बाद पता नहीं कितने लाख रुपए लिए जाएंगे यह अभी तक उन्होंने क्लियर नहीं किया है.
प्रतुल ने कहा कि दूसरी और भारतीय जनता पार्टी में अंतिम पंक्ति पर खड़े कार्यकर्ताओं की भी बहुत इज्जत होती है और चुनाव लड़ने के सामान मौके मिलते हैं. भारतीय जनता पार्टी आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं ले रही है. रायशुमारी के जरिए पूरे प्रदेश से कार्यकर्ताओं आयी राय को भी बहुत महत्व दिया जा रहा है. ये सारी चीजें भाजपा के जीवंत आंतरिक लोकतंत्र को दिखाता है.
महागठबंधन उठ चुका है जनता का भरोसा
प्रतुल ने कहा कि महागठबंधन से जनता का भरोसा उठ चुका है. नक्सलवाद व भ्रष्टाचार की आग में झोंकने वाले विपक्षी ठगबंधन की स्थिति आने वाले दिनों में सबके सामने स्पष्ट हो जायेगी. उन्होंने कहा कि सत्तालोलुपता की पराकाष्ठा ऐसी है कि हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी ने सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए एक दूसरे के लीडरशिप को मानने से इनकार किया. इन दोनों के लिए चुनाव सिर्फ सत्ता प्राप्ति का जरिया है ना कि जनता की सेवा करने का.
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे हेमंत के लिए चुनाव सिर्फ सत्ता पाने का जरिया मात्र बन गया है. क्योंकि चाहे वह घोटालों में लिप्त लालू यादव से हाथ मिलाना हो या फिर परिवारवाद और भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस के साथ खड़े होना. सत्ता प्राप्ति के लिए झामुमो कुछ भी कर गुजरने को तैयार खड़ा है.
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विधायक इरफान अंसारी का यह बयान महागठबंधन के हिडन एजेंडा को साफ दिखाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महागठबंधन की सरकार आने के बाद लालू प्रसाद को जेल से निकाला जाएगा. यह ठगबंधन दरअसल भ्रष्टाचारियों और अब तक झारखंड की लूट करने वाले दलों का जोड़ है और आने वाले चुनाव में जनता इन्हें पूरे तरीके से खारिज करेगी.