मुख्य बिंदु:
- वित्त आयोग की राशि पर हर गांव वाले का अधिकार
- राज्य में मिशन मोड पर चलेगा ट्रेंच सह बंड योजना
- महिलाओं के नाम पर आवंटित होंगे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास
- सखी मंडल में बीपीएल परिवार की महिलाओं को जोड़ें
रांची 27 जून: मुख्य मंत्री रघुवर दस आज ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक की उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की राशि पर हर गांव वाले का अधिकार है।
इस राशि के माध्यम से राज्य के सभी गांवों में 30 सितंबर तक स्ट्रीट लाइट, टंकी और पाइप लाइन के माध्यम से पानी और पेभर ब्लॉक लगाने का काम पूरा करने का लक्ष्य दिया, इसका अनुमोदन ग्राम सभा से कराया जा चुका है।
आगे उन्होंने कहा कि गांव में स्ट्रीट लाइट लग जाने से देर तक लोग आवागमन और व्यापार में सुविधा होगी वहीं महिलाएं भी खुदको सुरक्षित महसूस करेंगी। साथ ही टंकी के माध्यम से पानी मिल जाने से रोज मर्रा के कार्यों के लिए पानी लाने दूर नहीं जाना होगा। पेबर ब्लॉक लगना से गांव की गलियां भी साफ-सुथरी दिखेंगी और बरसात का पानी भी रिचार्ज हो सकेगा.
जल प्रबंधन के लिए लोगों को जागरूक करें
बैठक में जलप्रबंधन पर आगे उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिकारी प्रखंडवार बैठक कर समिति के अध्यक्ष को जल प्रबंधन के लिए जागरूक करें। सरकार द्वारा दिये जा रहे पांच लाख रूपये की राशि को ट्रेंच, चेक डैम आदि बनाकर जल संचयन का इंतजाम करें और ग्रामीणों को इससे अवगत कराए। जल्द से जल्द आंकलन कराकर कार्य शुरू करें। ताकि बरसात का पानी बहने से रोका जा सके।
ग्रामीण सड़कों पर 4 हजार करोड़ खर्च होंगे
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष ग्रामीण पथ-पुलिया बनाने और उनके सुदृढ़ीकरण में लगभग चार हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। जिसमें मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 600 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
बरसात समाप्त होते ही सितंबर से कार्य शुरू हो जाये, इसके लिए जरूरी प्रक्रिया पहले ही पूर्ण कर लें। सारे कार्यों के पूर्ण होने का समय निर्धारित करें और लगातार उसकी मॉनिटरिंग करते हुए काम पूरा करायें। गांवों को जोड़नेवाले छोटे-छोटे पूलों को प्राथमिकता दें।
ग्रामीण कार्य मामले की सचिव श्रीमती अराधना पटनायक ने बताया कि वर्तमान सरकार में राज्य संपोषित योजना से 9591 किमी नयी सड़के बनायी गयीं, जबकि राज्य गठन से 2014 तक 13562 किमी सड़कें ही बनायी जा सकीं थी।
इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में इस सरकार में 13274 किमी नयी सड़क बनायी गयी, जबकि इसके पहले मात्र 8686 किमी सड़क ही बनी थी. साथ ही 5100 बसावटों को भी जोड़ा गया।
मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत वर्तमान सरकार में साढ़े चार साल के दौरान 558 पुलों का निर्माण किया गया, जबकि इससे पहले 14 वर्षों में 1132 पुलों का निर्माण हुआ था.
आगामी 10 अक्टूबर तक सभी आवास निर्माण कार्य को पूरा कर लेने का निर्देश
प्रधानमंत्री आवास एवं डॉ भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत बनने वाले सभी आवास निर्माण कार्य 10 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अविनाश कुमार ने यह जानकारी दी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लक्ष्य के विरुद्ध 86% आवास निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 52 लाख 8 हजार 791 आवासों का निर्माण का लक्ष्य था जिसमें से 45 लाख 3 हजार 770 आवास निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है।
महिलाओं के नाम पर ही आवंटित हो बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का कार्य किया है।जरूरतमंद गरीब महिलाओं को आवास योजना के लाभ से जोड़ने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। इसीलिए आवास का आवंटन महिलाओं के नाम से करने का निर्देश दिया। साथ ही राज्य के सभी जिलों के डीसी को 250-250 आवास गरीबों को स्वीकृति करने का अधिकार दिया, साथ ही सभी घरों में पेयजल, बिजली, शौचालय और एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
मनरेगा के तहत हुए हैं बेहतरीन कार्य
मनरेगा के कार्य की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि गांव, गरीब एवं किसान के सर्वांगीण विकास में मनरेगा महत्वपूर्ण कड़ी है। पिछले साढे 4 वर्षों में मनरेगा के तहत काफी प्रशंसनीय कार्य हुए हैं। पूरे देश में झारखंड ससमय मजदूरी भुगतान की कार्रवाई में पहले स्थान पर रहा है।
कृषि एवं कृषि आधारित कार्यों पर व्यय का प्रतिशत तथा व्यक्तिगत योजनाओं की संख्या प्रतिशत में भी झारखंड नंबर वन राज्य बना है। उन्होंने कहा कि बोरा बांध, डोभा, सिंचाई कूप इत्यादि के क्षेत्र में भी मनरेगा द्वारा अच्छे कार्य किए गए हैं।
बिरसा मुंडा बागवानी योजना का पूरा फायदा राज्य के किसानों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत आम के साथ साथ पपीता, बरबटी, फलदार वृक्ष भी लगाए जाएं।मनरेगा द्वारा किसानों को पशु शेड उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही साथ उन्हें पशु खरीदने के लिए राज्य सरकार ऋण भी उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि गरीबों को स्वरोजगार से जोड़ा जाए. गरीब स्वरोजगार से जुड़ेंगे तभी राज समृद्ध और विकसित हो सकेगा.
राज्य में जन आंदोलन बनेगा ट्रेंच सह बंड योजना
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि पूरे राज्य में जल संचयन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए अब पूरे राज्य में ट्रेंच सह बंड योजना मिशन मोड में चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य पठारी राज्य के रूप में जाना जाता है।इसीलिए यहां पर ट्रेंच सह बंड योजना जल संचयन के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।बैठक में राज्य मनरेगा आयुक्त श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी ने यह जानकारी दी कि ट्रेंच सह बंड योजना की सराहना केंद्र सरकार ने भी की है। जल संचयन के क्षेत्र में यह योजना काफी कारगर है। एक हेक्टेयर भूमि पर इस योजना के तहत एक करोड़ लीटर पानी का संचयन किया जा सकेगा।
सखी मंडल में बीपीएल परिवार की महिलाओं को शामिल करें
बैठक में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने निर्देश दिया कि गांव में बन रहे सखी मंडल में बीपीएल परिवार की महिलाओं को शामिल करें। उन्हें मुर्गी पालन, स्कूल ड्रेस निर्माण आदि की प्रशिक्षण देकर जोड़ा जाएगा। महिलाओं को जोड़ने से उनकी आय बढ़ेगी, वे आर्थिक रूप से सबल होंगी और उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी से बाहर आयेगा. यही वास्तविक विकास होगा। राज्य के 15 जिलों में इस पर विशेष फोकस करें।इसमें संथाल परगना, कोल्हान के जिलों के साथी खूंटी, गुमला, सिमडेगा को शामिल करें. हर जिले में मास्टर ट्रेनर के माध्यम से सखी मंडल की महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. इसके बाद मुर्गी पालन या स्कूल ड्रेस सिलाई के कार्य से इन्हें जोड़ा जाएगा।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्री नीलकंठ सिंह मुंडा, मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, ग्रामीण कार्य मामले की सचिव श्रीमती आराधना पटनायक, पंचायती राज सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, राज्य मनरेगा आयुक्त श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी, सीईओ जेएसएलपीएस श्री परितोष उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.