हरियाणा: कोरोना लॉकडाउन के चलते देश के अधिकांश हिस्सों की तरह गुरुग्राम के सोहना शहर के गली-मोहल्लों व बाजारों में भी सन्नाटा पसरा है.
इससे बेजुबान बंदरों को भोजन तक नहीं मिल पा रहा है. नतीजतन तीन दिन में चार बंदरों की मृत्यु हो चुकी है. कोरोना वायरस के प्रकोप से देशभर में लॉकडाउन चल रहा है.
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इस दौर में प्रवासियों के पलायन को रोकने व मेहनतकश और गरीब लोगों को दो वक्त का भोजन मुहैया कराने के लिए प्रशासनिक अमले व कई सामाजिक संगठनों ने अपनी सेवाएं देनी प्रारम्भ की हैं, पर दुकानें न खुलने से बंदरों को खाने को नहीं मिल रहा है.
सोहना के वार्ड-19 के निवासी गिर्राज खटाना ने बताया कि भूखे रहने के कारण बंदरों का मिजाज बदल गया है. प्रातः काल व शाम के समय कुछ बंदर आबादी क्षेत्र में नजर आते हैं.
रास्तों में पैदल जाने वालों पर खीझते हैं. मकानों के छज्जों पर बैठे बंदर दरवाजा खोलने के साथ ही झपटते हैं. उनका बोलना है कि बंदरों का ऐसा स्वभाव पहले नहीं देखा.
बंदरों को भोजन न मिलने से शहर की नालियों में खाना तलाशते इन्हें देखना आम होता जा रहा है. भोजन न मिलने से इनकी गतिविधियों में परिवर्तन देखा जा सकता है.
सोहना में दवा की दुकान चलाने वाले दुकानदार कार्तिक ने बताया कि अन्न मंडी से लगते मंदिर के पास चार बंदरों की मृत्यु हो चुकी है. उनका अनुमान है कि भोजन न मिलने से उनकी मृत्यु हुई होगी.
हालांकि इधर, उन्होंने व उसके 3-4 दोस्तों ने तीन दिन से बंदरों को 25 से 30 दर्जन केले दिए हैं पर यह संख्या कम है.