सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी बख्शी का तालाब तहसील अंतर्गत नगर पंचायतों व ग्रामीण इलाकों में प्रतिबंधित पॉलिथीन के प्रयोग पर रोक लगी नजर नहीं आ रही है. पॉलिथीन के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान खोखला साबित हो रहा है. दुकानदारों तथा ग्राहकों द्वारा खुलेआम पतली पॉलिथीन का प्रयोग किया जा रहा है. जिन्हें किसी का भी डर व भय नहीं है. पॉलिथीन के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों द्वारा भी खानापूर्ति की जा रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे. जिसके चलते सभी जिलों में पॉलिथीन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारियों द्वारा जगह-जगह पॉलिथीन के दुकानों पर छापामारी कर पॉलिथीन को बंद कराए जाने का निरंतर प्रयास किया गया जो कि अब ठंडे बस्ते में बन्द होता नजर आ रहा है.
लखनऊ के कई क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा पॉलिथीन पर छापामारी की जा चुकी है. इसके बाद भी खुलेआम पॉलिथीन बेची जा रही है. सब्जी, फल, किराने की दुकानों सहित सभी जगह यह हालत है कि पॉलिथीन में ही ग्राहकों को सामान दिया जा रहा है. जिस पर अधिकारियों द्वारा अब कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जबकि अगर देखा जाए तो प्रतिबंधित पॉलिथीन का प्रयोग करने वाले क्रेता और विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके बाद भी बेखौफ होकर क्रेता विक्रेताओं द्वारा खुलेआम पॉलिथीन का प्रयोग किया जा रहा है. जिससे पर्यावरण एवं आवारा घूम रहे गौवंश दोनों को नुकसान हो रहा है. देखा जाए तो अधिकांश गोवंश कचरे के ढेर में पॉलिथीन को खाते हुए देखे जा सकते हैं. इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा पॉलिथीन अभियान को सफल बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.