रांचीः प्रदेश भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि केंद्रीय नेतृत्व बची हुई कई चरणों की सीटों पर पुनर्विचार भी कर सकती है.
वजह बताई जा रही है कि कई सीटों पर उम्मीदवारों का गलत चयन हुआ है. दागी उम्मीदवारों के चयन को लेकर प्रदेश बीजेपी के कई आला नेताओं ने सूचनाएं भी भेजी हैं.
इस मामले को केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है. केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले एक साल से जिन एजेंसियों को सर्वे में लगाया था, उनसे भी डैमेज कंट्रोल के लिए पूरी रिर्पोट मांगी है.
बीजेपी के गिरते ग्राफ को लेकर केंद्रीय नेतृत्व चिंतित-
केंद्रीय नेतृत्व बीजेपी के गिरते ग्राफ को लेकर भी चिंता जताई है. चर्चा यह है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जोहार जन आर्शीवाद यात्रा के दौरान जो माहौल बीजेपी के पक्ष में बनाया था, वह गलत व दागी उम्मीदवारों के चयन के बाद गिरा है.
जिसके कारण प्रदेश बीजेपी में कई नेता बगावत की राह अपना ली. कई हैवीवेट ने दूसरे दलों का भी दामन थाम लिया. जिन-जिन सीटों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने टिकट का विरोध किया है. उन सीटों पर भी केंद्रीय नेतृत्व गंभीरता से मंथन कर रहा है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि बची हुए चरणों की सीटों पर केंद्रीय नेतृत्व पुनर्विचार कर सकती है.
65 प्लस के मिशन पर झोंकी ताकत-
केंद्रीय नेतृत्व बीजेपी के 65 प्लस के मिशन को पाने में पूरी ताकत झोंक दी है. इसलिए पूरी रिर्पोट पर गंभीरता से विचार हो रहा है, ताकि कहीं कोई खामी न रह जाए.
केंद्रीय नेतृत्व के पास यह भी सूचनाएं भेजी गई है कि आजसू के साथ गठबंधन टूटने का मैसेज अच्छा नहीं गया है.
आजसू के अब बीजेपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. वहीं आजसू गांव की सरकार का नारा देकर लोगों को अपने पक्ष में करने में जुटा है. लोजपा और जदयू ने भी झारखंड में अलग राह पकड़ ली है.