मो.अरबाज,
सिमरिया: चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड में बने हेलीपैड का निर्माण 15 वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से कराया गया था. निर्माण का उद्देश्य था कि जब भी सरकारी माननीय या अर्ध सैनिक बलों की आवश्यकता होगी. हेलीपैड पर उतर कर जनता की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे या उग्रवादियों से अविलंब निपटने में अपनी कार्रवाई को अंजाम देंगे.
आपको बता दें कि निर्माण के बाद से इतने लंबे अरसे गुजर गए पर अब तक किसी भी माननीय या अर्ध सैनिक बलों ने अपने उड़न खटोले को उतारने का काम नहीं किया और ना ही इसके रखरखाव पर भी ध्यान दिया गया. जिसके कारण दिनोंदिन हेलीपैड की स्थिति बदतर होती गई.
लिहाजा गांव के किसान अब उड़न खटोला देखने की आस में निराश होकर अब उस पर विभिन्न तरह के अनाजों की दउनी करने और अनाज सुखाने का काम करते है. जिन उद्देश्यों को लेकर इसका निर्माण किया गया था वह तो अब तक सपना बन कर रह गया और अब चुनाव के दरम्यान मतदाताओं की भीड़ जुटाने के लिए खेत कियारियों में अपना उड़न खटोला उतार रहे हैं ताकि भाड़े के हेलीकॉप्टर में खर्च कम आए और समय की बचत हो सके.
उनका सोचना है कि उड़न खटोले को देखने के बहाने वे अपनी बात मतदाताओं के समक्ष रख सकें. सिमरिया में अब तक 2019 विधानसभा चुनाव में तीन चुनावी सभा हो चुकी है और तीनों उड़न खटोले खेतों में ही उतार दिए गए. सरकारी राशि का किस तरह दुरुपयोग हो रहा है अब इस बात से जाहिर हो गया है.