नई दिल्ली: झारखंड भाजपा को आज एक बड़ा झटका तब लगा जब भाजपा प्रवक्ता झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता प्रवीण प्रभाकर ने आज पार्टी छोड़ दी. प्रभाकर आज नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल हो गए. बताया जाता है कि वह टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे थे. वह एनपीपी के टिकट पर नाला विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे.
मेघालय के मुख्यमंत्री व एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी. के. संगमा तथा सांसद अगाथा संगमा समेत अन्य नेताओं ने नई दिल्ली के कांस्टीच्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रवीण प्रभाकर का पार्टी में स्वागत किया. इस अवसर पर मेघालय के गृहमंत्री जेम्स संगमा तथा पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राज कुमार पोद्दार समेत कई नेता उपस्थित थे.
एनपीपी को हाल में ही चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्रदान की है. एनपीपी समेत पूरे देश में मात्र आठ पार्टियों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता प्राप्त है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सी के संगमा ने कहा कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष स्व पी. ए. संगमा ने 2013 में एनपीपी की स्थापना की थी. उनका सपना था कि एनपीपी पूर्वोत्तर तक सीमित न होकर राष्ट्रीय दल बने और अन्य राज्यों में भी वंचितों के लिए काम करे. प्रवीण प्रभाकर झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता व भाजपा प्रवक्ता रहे हैं. उनके एनपीपी में शामिल होने से झारखंड समेत भारत के अन्य राज्यों में पार्टी का जनाधार फैलेगा और हमसब मिलकर स्व पी.ए. संगमा के सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर पाएंगे.
प्रवीण प्रभाकर ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें भाजपा से कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है, लेकिन झारखंड में भाजपा को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है. भाजपा में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मार्गदर्शन में मुझे काफी कुछ सीखने का अवसर मिला है. उनके नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन झारखंड की जनता की आकांक्षाओं पर लगातार आघात जारी है. मैंने झारखंड आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और एक बेहतर झारखंड के निर्माण के लिए आजीवन संघर्ष करता रहूंगा. मुझे विश्वास है कि इसमें एनपीपी नेताओं का पूरा सहयोग और मार्गदर्शन मिलेगा. उन्होंने कहा कि संघर्ष के रास्ते से ही शहीदों के सपनों का झारखंड बन पाएगा.