रांची: सिल्ली विधानसभा में दो महाबलियों के बीच इस बार भी मुकाबला है. ये दोनों करोड़पति हैं. एक झारखंड गठन के बाद से ही सरकार की कुंजी हाथ में लिये रहे. दूसरे ने उसे ही पटखनी देकर झारखंड की राजनीति में सनसनी मचा दी थी.
इस विधानसभा के लिए तीसरे चरण के तहत 12 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. झामुमो ने गठबंधन के तौर पर यहां उम्मीदवार उतारा है. गठबंधन नहीं होने के बाद भी भाजपा ने सिल्ली से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. आजसू के कद्दावर लगातार दो बार हार चुके हैं. लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में यह चुनाव उनके लिए खास मायने रखता है.
ये हैं प्रत्याशी
झारखंड मुक्ति मोर्चा से सीमा देवी, आजसू से सुदेश कुमार महतो, स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी से प्रह्लाद महतो, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से विश्वदेव सिंह मुंडा, बहुजन समाज पार्टी से नंद कुमार राम, निर्दलीय सुनील कुमार महतो, अमित कुमार, राजेश्वर महतो मैदान में हैं.
अब तक के विधायक
1952 और 1957 से कांग्रेस के भोलानाथ भगत, 1962 से निर्दलीय जागेश्वर चौधरी, 1976 में जनक्रांति दल से बी स्वांसी, 1969 में शोषित दल से वृंदावन स्वांसी, 1972 में कांग्रेस के रामरतन राम, 1977 और 1980 में सीपीएम से राजेंद्र सिंह, 1985 में कांग्रेस के केशव महतो कमलेश, 1990 में सीपीएम के राजेंद्र सिंह, 1995 में कांग्रेस के केशव महतो कमलेश, 2000, 2005 और 2009 में आजसू के सुदेश महतो, 2014 में झामुमो के अमित महतो. अमित महतो को कोर्ट से सजा होने के बाद उनकी विधायकी रद्द हो गयी थी. उसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे. उसमें अमित की पत्नी और झामुमो के उम्मीदवार सीमा महतो ने जीत दर्ज की थी.