हजारीबाग: व्यवहार न्यायालय के एडीजी सप्तम गतिकृष्ण तिवारी के न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दहेज हत्या के मामले में पति सहित सास-ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कटकमदाग थाना कांड संख्या 83/ 15 में मृतिका पूनम देवी के पति दीपन सव, ससुर भोला सव, सास बबीता देवी को धारा 302 ,326 ,34 के तहत दोषी पाते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
पूनम देवी ने 18 जुलाई 2015 को 3:30 बजे जली हुई अवस्था में सदर अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में जली हुई अवस्था मे कराई गई थी. पीड़िता ने अपने दर्ज बयान में बताई थी कि उसकी शादी 10 जुलाई 2010 को दीपन सव के साथ हुई थी. शादी के बाद उसके ससुराल वाले दहेज को लेकर उसके साथ मारपीट किया करते थे. ससुराल वालों एवं उनके पति ने मिलकर उनके ऊपर तेल छिड़ककर आग लगा दी, गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बाद में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की और न्यायालय में स्पीड ट्रायल चला गया. चार साल तक चले इस बाद में अभियोजन की ओर से कुल 7 गवाही गुजरी एवं 6 दस्तावेजों को प्रदर्श किया गया. पति कटकमदाग के सिरसी गॉव का रहने वाला है.