रांची: झारखंड की राजधानी रांची से सटे कांके विधानसभा क्षेत्र में तीसरे चरण के तहत 12 दिसंबर को मतदान होना है. इस सीट से पिछले तीन दशक से भाजपा का कब्जा रहा है. लगातार प्रत्याशी बदलने के बाद भी मतदाताओं के मन से भाजपा के मोह को निकाल पाने में अन्य दल कामयाब नहीं हो पाए हैं.
इस चुनाव में भी भाजपा ने वर्तमान विधायक का टिकट काटकर अन्य को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने पहले प्रत्याशी बदला था. हो हंगामा होने के बाद पूर्व प्रत्याशी को ही टिकट दिया. गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को मिला है.
भाजपा के प्रत्याशी बदलने के बाद अन्य दलों को मतदाताओं का मन बदलने का इंतजार है. इस विधानसभा सीट से विभिन्न दलों के 12 प्रत्याशी मैदान में खड़े हैं.
ये प्रत्याशी हैं मैदान में
भाजपा के समरीलाल, कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा, बहुजन समाज पार्टी से अवधेश बैठा, जेवीएम से कमलेश राम, आजसू पार्टी से रामजीत गंझू, जनता दल (यूनाइटेड) से अशोक कुमार नाग, भाकपा माले रेड स्टार से आरती कुमारी नायक, राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी से आशीष कुमार, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक से राजन नायक, लोक जनशक्ति पार्टी से शंकर प्रसाद, राष्ट्रीय जयहिन्द पार्टी से संतोष कुमार और लोक जन विकास मोर्चा से सुरेंद्र मिर्धा उर्फ सुरेन कुमार कालिन्दी खड़े हैं.
ये रही है स्थिति
वर्ष 1977 से पहले कांके विधानसभा सामान्य सीट थी. यहां से 1969 और 1972 में रामटहल चौधरी विधायक रहे. वर्ष 1977 में कांके विधानसभा सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया.
आरक्षित सीट के पहले विधायक हीराराम तूफानी बने थे. 1980 में कांग्रेस के दिग्गज रामरतन राम चुनाव लड़े.
1985 में कांग्रेस के टिकट से हरिराम जीते. 1990 में भाजपा के रामचंद्र बैठा जीते. बैठा 1995 में भी जीते. 2000 में भाजपा के रामचंद्र नायक जीते. 2005 और 2009 में फिर रामचंद्र बैठा विधायक बनें. 2014 में भाजपा के डॉ जीतू चरण राम चुनाव में जीते.