कोडरमा: अभ्रक नगरी के रूप में विख्यात कोडरमा विधानसभा में कभी साथ-साथ रहने वाले आज चुनाव मैदान में प्रतिद्वंद्वी बने हुए हैं. इस बार मुकाबला उन्हीं के बीच नजर आ रहा है. टिकट नहीं मिलने पर भाजपा में रही जिला परिषद अध्यक्ष आजसू पार्टी से मैदान में ताल ठोक रही है. कहने को तो इस सीट से 17 प्रत्याशी खड़े हैं. हालांकि संघर्ष इन दोनों के बीच ही नजर आ रहा है. राजद के उम्मीदवार यहां से गठबंधन के प्रत्याशी हैं. इसके अलावा जेवीएम, बसपा सहित अन्य दलों के प्रत्याशी भी जोर लगा रहे हैं.
यह संयोग है
इस विधानसभा क्षेत्र का गजब संयोग है. जिला परिषद उपाध्यक्ष रहते हुए भाजपा की उम्मीदवार बनीं डॉ नीरा ने राजद प्रत्याशी को हराया था. इस बार भाजपा से बगावत कर आजसू से चुनाव लड़ने वाली शालिनी गुप्ता जिला परिषद अध्यक्ष है.
ये हैं प्रत्याशी
चुनाव मैदान में खड़े उम्मीदवारों में गठबंधन प्रत्याशी सह राजद उम्मीदवार अमिताभ कुमार, भाजपा प्रत्याशी डॉ नीरा यादव, बसपा प्रत्याशी प्रकाश अंबेडकर, जेवीएम प्रत्याशी रमेश हर्षधर, आजसू प्रत्याशी शालिनी गुप्ता, मूल निवासी समाज पार्टी प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मो मुबारक, लोजपा प्रत्याशी राजीव कुमार पांडेय, आप प्रत्याशी संतोष कुमार सिंह, सपा प्रत्याशी सुभाष मिस्त्री के अलावा निर्दलीय गुलाम मुस्तफा, चंद्रदेव यादव, दीपक यादव, धीरज कुमार, योगेंद्र कुमार पंडित, भुनेश्वर गिरि व राजकुमार प्रसाद यादव हैं.
ये रही है स्थिति
1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के अवध बिहारी दीक्षित विधायक बने. 1957 में छोटानागपुर संताल परगना जनता पार्टी के जीपी त्रिपाठी ने जीत हासिल की. शुरुआती दो विधानसभा चुनावों के बाद इस सीट पर कभी संघर्ष सोशलिस्ट पार्टी के विश्वनाथ मोदी तो कभी कांग्रेस के राजेंद्र नाथ दा जीते. वर्ष 1990 में जनता दल के उम्मीदवार रमेश प्रसाद यादव विधायक चुने गये. रमेश यादव के निधन के बाद 1998 के उपचुनाव में उनकी पत्नी और राजद की अन्नपूर्णा देवी विधायक बनीं. वर्ष 2000, 2005 व 2009 में विधायक चुनी गयीं. वर्ष 2014 में भाजपा उम्मीदवार डॉ नीरा यादव ने अन्नपूर्णा को पराजित किया. विधायक बनने के साथ-साथ वह सरकार में मंत्री भी बनीं.