नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सभी अवधि के कर्ज़ पर एमसीएलआर रेट में 0.10 फीसद कटौती की सोमवार की घोषणा की. इस ताजा कटौती के साथ एक वर्ष का मार्जिनकल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) 8% से घटकर 7.90% सालाना रह जाएगा.
बैंक की ओर से ब्याज दर में कमी संबंधी यह घोषणा 10 दिसंबर, 2019 से प्रभावी हो गई है. भारतीय स्टेट बैंक ने चालू वित्त साल में लगातार आठवीं बार एमसीएलआर में कटौती की है. सबसे बड़े बैंक ने बयान जारी कर बोला है कि ब्याज दर में कटौती के साथ वह देश में ‘सबसे सस्ती दर पर कर्ज़ उपलब्ध कराने वाला’ बैंक बन गया है.
भारतीय स्टेट बैंक परिसंपत्ति, जमा, शाखाओं, ग्राहकों व कर्मचारियों के लिहाज से देश का सबसे बड़ा बैंक है. एसबीआई का दावा है कि वह देश का सबसे बड़ा मॉर्गेज लेंडर भी है.
भारतीय स्टेट बैंक ने रिजर्व बैंक द्वारा इस वर्ष रेपो रेट में अब तक की गई 1.35 फीसद की कटौती का फायदा ग्राहकों को देने के लिए ब्याज दर में कमी की है.
बैंक की ब्याज दर में कटौती की घोषणा से उन ग्राहकों को खुशी होगी जो हाल में रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट को 5.15 फीसद पर यथावत रखने के निर्णय से निराश थे.
उल्लेखनीय है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त साल की दूसरी तिमाही में घटकर छह वर्ष से भी अधिक समय के न्यूनतम स्तर 4.5 फीसद पर आ गई.
इससे हिंदुस्तान के 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लक्ष्य को बड़ा झटका लगा है. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय बैंक इस वर्ष लगातार छठी बार अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती करेगा लेकिन केंद्रीय बैंक ने बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया था.
भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही चालू वित्त साल के दौरान हिंदुस्तान के विकास दर के अनुमान को भी 6.1 फीसद से घटाकर 5 फीसद करने की भी घोषणा की थी.