नई दिल्ली: सार्वजनिक स्वास्थ्य समूहों ने जीएसटी परिषद से तंबाकू उत्पादों पर मुआवजा उपकर बढ़ाने और इससे हासिल राजस्व का इस्तेमाल आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं करने का अनुरोध किया है.
आगामी 18 दिसंबर को जीएसटी परिषद की बैठक होने वाली है. उन्होंने तर्क दिया है कि तंबाकू उत्पादों पर सेस बढ़ाने से सरकार को जीएसटी संग्रह में घाटे को कम करने के लिए 190 बिलियन का अतिरिक्त राजस्व हासिल करने में मदद मिल सकती है.
प्रस्ताव में कहा गया है ”तंबाकू उत्पाद पर 28% की दर और अतिरिक्त सेस न केवल अतिरिक्त राजस्व को बढ़ाएगा, बल्कि तंबाकू की खपत को भी कम करेगा” साथ ही इसका इस्तेमाल आयुष्मान जैसी सरकारी योजनाओं के लिए भी किया जा सकता है.
स्वास्थ्य अर्थशास्त्रियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और कैंसर अनुसंधान विशेषज्ञों ने सिगरेटों पर 5,463 रूपये सेस प्रति 1000 स्टिक करने का आह्वान किया है. उनका कहना है कि “इस तरह की वृद्धि संभावित रूप से खपत में 10% की कमी को लक्षित करते हुए सिगरेट से जीएसटी राजस्व को लगभग 150 बिलियन बढ़ा सकती है. सभी धुआं रहित तंबाकू उत्पादों पर क्षतिपूर्ति उपकर को भी वर्तमान 104% से बढ़ाकर 125% किया जाना चाहिए.