रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा है कि संथाल भाजपा का गढ़ है. यहां झामुमो दो नंबर की पार्टी बन गई है. आज भी संथाल में भारतीय जनता पार्टी के सर्वाधिक संख्या में विधायक हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायकों की संख्या और कार्यकर्ताओं की संख्या में सन्थाल में भाजपा से पीछे है. वैसे झामुमो के कर्णधारों ने भी खुद को दो नंबरी साबित किया है. झामुमो यहां जिनके नाम पर वोट मांगती है जनता ने उन्हें नकार दिया है. यही वजह है कि शिबू सोरेन और उनके पुत्र हेमंत सोरेन दोनों ही यहां हार का सामना कर चुके हैं. हार का वह खौफ अभी भी हेमंत सोरेन के मन में है इसलिए वह दो दो जगह से चुनाव लड़ रहे है.
गिलुवा ने कहा कि संथाल की जनता को झामुमो ने लंबे समय तक भ्रम में रखा. सोरेन परिवार ने संथाल की संपदा का इस्तेमाल अपने परिवार इस समृद्धि बढ़ाने में किया. संथाल को लूट कर उन्होंने अपने महल खड़े किए. इतना ही नहीं, रांची व राज्य के अन्य हिस्सों में भी अवैध संपत्ति बनाई. सोरेन परिवार ने सीएनटी एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर रांची व अन्य शहरों में आदिवासियों की ही जमीनें हड़पी. जब सत्ता में आए तो कभी संथाल की ओर झांका तक नहीं. संथाल क्षेत्र में रोजगार पनपे, शिक्षा का प्रसार हो, सड़के बने, बिजली पहुंचे, इसके लिए कभी कोशिश नहीं की. इन्हें पता था कि संथाल में लोग शिक्षित होंगे, रोजगार पनपेगा तो लोग इन्हें नहीं पूछेंगे पर भाजपा ने पिछले 5 सालों में संथाल क्षेत्र के विकास के लिए जो काम किया उससे संथाली जनता को भी पता चला की उनका असली हितैषी कौन है. गिलुवा ने कहा कि भ्रम को हमेशा बनाया नहीं रखा जा सकता. संथाली जनता को यह एहसास हो गया है कि कैसे एक परिवार ने सिर्फ भावनाओं को उभार कर उसका राजनीतिक फायदा अपने हित में उठाया.
यही वजह है कि संथाल की जनता सोरेन परिवार के वंशवाद को खारिज कर चुकी है. भाजपा ने संथाल में उम्मीद की एक नई रोशनी दी है. गिलुवा ने कहा कि इस चुनाव में भी संथाल के घर घर में कमल खिलेगा. यह परिवारवाद और वंशवाद के ताबूत में आखिरी कील होगी.