रांची: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पूरी केन्द्र सरकार के धुआंधार तूफानी दौरे से यह साफ जाहिर है कि भाजपा ने झारखण्ड चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हार सुनिश्चित जानकर यह सारा कुछ भाजपा की घबराहट दिखाता है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि झारखण्ड में अपने खोते हुए जनाधार, रघुवर सरकार के नक्कारापन, पूरे राज्य के ठप्प विकास कार्य और भाजपा की अंदरुनी कलह के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को यह बात अच्छी तरह समझ में आ गयी है कि उनका झूठ अबकी बार झारखण्ड चुनाव में चलनेवाला नहीं है.
झारखण्ड चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सहाय ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यदि पूर्व के अनुभवों पर ध्यान दें तो हरियाणा और महाराष्ट्र में भी भाजपा ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी थी और अनेक केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों तथा भाजपा के बड़े नेताओं ने जमकर प्रचार किया लेकिन उन्हें अपेक्षित परिणाम नहीं मिला.
महाराष्ट्र में शिवसेना – एन.सी.पी. – कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी, जबकि हरियाणा में जोड़ -तोड़ की राजनीति कर भाजपा ने सत्ता हथिया लिया.
सहाय ने कहा कि झारखण्ड के लोग सारी हकीकत जानते हैं. झारखण्ड का मतदाता सभी कुछ देख रहा है और वह मन बना चुका है कि वह रघुवर सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंके और कांग्रेस – झामुमो गठबंधन की सरकार को सत्ता में लाये ताकि जमीनी स्तर पर वास्तविक विकास हो.
उन्होंने कहा कि अबतक के तीन चरणों में जनता ने कांग्रेस – झामुमो गठबंधन के पक्ष में अपना भरोसा जताते हुए भारी मतदान किया है. साथ ही अगले 16 और 20 दिसंबर को भी कांग्रेस – झामुमो गठबंधन के उम्मीदवारों की यह बढ़त बरकरार रहेगी.
सहाय ने कहा कि उन्होंने अनेक क्षेत्रों का दौरा किया है. जहां आम लोगों का मजबूत भरोसा गठबंधन के साथ है और हम इस भरोसे की कसौटी पर खरा उतरेंगे.
सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कांग्रेस उस फीनिक्स पक्षी की तरह है जो अपना बलिदान कर और भारी कीमत चुकाकर पुनर्जीवित होती है. रघुवर सरकार की व्यापक असफलता और आम लोगों में भारी असंतोष के बाद अब यह स्पष्ट है कि कांग्रेस – झामुमो गठबंधन निश्चित रूप से सत्ता में आयेगा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जनहित और देशभक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो गरीबों, किसानों और आमलोगों के आत्मसम्मान को बरकरार रखने के प्रति दृढ़ संकल्पित है.
उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाली झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और अन्य दल भी जनहित के प्रति संवेदनशील और संकल्पित हैं.