पाकिस्तानः पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को एक अदालतन ने देशद्रोह मामले में मौत की सजा सुनाने से पाकिस्तान सेना भड़क उठी.
सेना की तरफ से कहा गया कि परवेज मुशर्रफ ने देश की सेवा की और वह गद्दार नहीं हो सकते. पाकिस्तान के डीजी ने एक ट्वीट करके कहा, ‘स्पेशल कोर्ट द्वारा परवेज मुशर्रफ पर दिए गए फैसले से बहुत पीड़ा पहुंची है. एक पूर्व सेना प्रमुख, स्टाफ कमिटी के जॉइंट चीफ और पूर्व राष्ट्रपति जिसने 40 साल तक देश की सेवा की और युद्धों में भाग लिया, गद्दार नहीं हो सकता.’
सेना की तरफ से कहा गया, ‘इस प्रक्रिया में संविधान को नजरअंदाज किया गया है और आत्मरक्षा के फंडामेंटल राइट का भी उल्लंघन किया गया है.
सेना ने कहा कि उसे उम्मीद है इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान के संविधान के अनुसार परवेज मुशर्रफ के साथ ‘न्याय’ किया जाएगा. गौरतलब है कि विशेष अदालत के तीन सदस्यीय पीठ ने परवेज मुशर्रफ को सजा सुनाई.
आपातकाल के लिए देशद्रोह साबित
मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला चल रहा है. पाकिस्तान की पूर्व मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने यह मामला दर्ज कराया था और 2013 से यह लंबित चल रहा था.
दिसंबर 2013 में उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद 31 मार्च 2014 को मुशर्रफ आरोपी करार दिए गए और उसी साल सितंबर में अभियोजन ने सारे साक्ष्य विशेष अदालत के सामने रखे.
अपीलीय मंचों पर याचिकाओं के कारण पूर्व सैन्य शासक के मुकदमे में देरी हुई और वह शीर्ष अदालतों और गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद मार्च 2016 में पाकिस्तान से बाहर चले गए.
गंभीर बीमारी से जूझ रहे मुशर्रफ
कुछ दिन पहले खबर मिली थी कि परवेज मुशर्रफ को गंभीर बीमारी है और वह अस्पताल में ऐडमिट हैं.
76 साल के मुशर्रफ दुबई में रहते हैं और वहीं अपना इलाज करवा रहे हैं.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक वह अमिलॉडोसिस नाम की बीमारी से ग्रसित हैं.
इस बीमारी के कारण बची हुई प्रोटीन शरीर के अंगों में जमा होने लगती है