नई दिल्ली: बाबा हरिदास नगर थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. दिचाऊं कलां गांव में पति ने पहले पत्नी पर ताबड़तोड़ चाकू से वार कर हत्या कर दी और बाद में खुद दूसरे कमरे में जाकर आत्महत्या कर ली.
पुलिस को घटना की सूचना शनिवार सुबह 11 बजे मिली. महिला की पहचान स्नेहा (40) व उनके पति की पहचान सुदेश के रूप में हुई. सुदेश इंजीनियर था और कुछ दिनों तक अमेरिका में नौकरी करने के बाद भारत लौटने पर नोएडा की एक कंपनी में काम करता था.
दिचाऊं कलां गांव में सुदेश पत्नी स्नेहा व दो बच्चों के साथ रहता था. बेटी दसवीं में और बेटा आठवीं कक्षा में पढ़ता है. सुदेश पर 14 लाख रुपये का कर्ज था. कर्ज न चुका पाने के कारण वह धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला गया था. इसका इलाज मोती नगर के अस्पताल में भी हुआ था, वहां करीब दस दिन तक वह भर्ती रहा था. अब भी वह दवा खा रहा था. डिप्रेशन के कारण सुदेश हर उस शख्स पर शक करता था, जो उसकी हां में हां नहीं मिलाता था. इस कारण अक्सर उसका पत्नी के साथ-साथ अन्य लोगों से भी झगड़ा होता था.
बता दें कि शुक्रवार रात साढ़े दस बजे खाना खाने के बाद स्नेहा बच्चों के साथ कमरे में सोने चली गई. इस दौरान सुदेश आया और कहा तुमसे जरूरी बात करनी है, अलग कमरे में चलो. स्नेहा को सुदेश के साथ कमरे में जाने से उसकी बेटी ने रोका, लेकिन सुदेश ने उसे डांटकर चुप करा दिया. इसके थोड़े ही देर बाद कमरे से बचाओ-बचाओ की आवाज आने लगी. स्नेहा की बेटी ने जब दरवाजा खटखटाया तो सुदेश ने उसे वहां से जाने के लिए कहा. इसके बाद वह कमरे में जाकर सो गई.
सुबह जब स्नेहा की बेटी जगी तो देखा मां खून से लथपथ है. उसने मां को आवाज दी, लेकिन कोई सुगबुगाहट नहीं हुई. इसके बाद वह पड़ोस के लोगों को घटना की जानकारी दी.
मामले की सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा एक कमरे में स्नेहा खून से लथपथ है, वहीं दूसरे कमरे में सुदेश फंदे से लटक रहा है. पुलिस दोनों को लेकर अस्पताल पहुंची, वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुदेश के भारत आने के बाद उस पर कर्ज हो गया. इस कारण वह परेशान रहने लगा. यहां तक की डिप्रेशन के कारण बीच में नौकरी भी छूट गई थी. इस कारण स्नेहा ट्यूशन पढ़ाने लगी, साथ ही एक स्कूल में नौकरी करने लगी.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इनके पास किसी चीज की कमी नहीं है. अगर कुछ कर्ज थे तो ये लोग आसानी से उसे उतार सकते थे. उनका कहना है कि सुदेश के डिप्रेशन में होने के कारण उसकी स्थिति ठीक नहीं रहती थी. मामूली बात पर भी वह झगड़ा करने लगता था. आए दिन पति-पत्नी में झगड़ा होता रहता था.
सुदेश ने स्नेहा पर 15 बार से ज्यादा बार चाकू से वार किया था. उसने पहले से ही कमरे में चाकू रखा हुआ था. ताबड़तोड़ चाकू से वार करने के बाद चाकू टूट गया था, जिसका एक हिस्सा स्नेहा के शरीर में ही रह गया. दूसरा हिस्सा वहीं बगल में छोड़कर सुदेश दूसरे कमरे में चला गया और वहां फांसी लगा ली.