हैदराबाद: कैट ने मंगलवार को प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी केवी महेश्वर रेड्डी के निलंबन को रद्द करने से संबंधित आदेश जारी किए हैं. उनपर कथित तौर पर पत्नी का शोषण करने, जबरन तलाक लेने और दूसरी शादी करने के आरोप लगने के बाद गृह मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव पत्र को निलंबित कर दिया था.
कैट के अध्यक्ष जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी और प्रशासनिक सदस्य बीवी सुधाकर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों को चुनौती देते हुए आदेश जारी किया. कैट के आदेश में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह महेश्वर रेड्डी को सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में प्रशिक्षण लेने की इजाजत दें.
यह भी कहा कि निलंबन वैध नहीं है क्योंकि वह केवल प्रोबेशनर था. आगे कहा गया है कि मामला घरेलू है और इसका सेवा से कोई संबंध नहीं है. 27 अक्तूबर को जवाहरनगर पुलिस ने प्रशिक्षु आईपीएस के खिलाफ उनकी पत्नी भावना बिरुदुला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारी 498ए, 323, 506 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत ममाला दर्ज किया गया है.
एमएचए के आदेश में लिखा था, ‘सक्षम प्राधिकारी ने इस मुद्दे पर विचार किया है और इस तथ्य को देखते हुए कि उपरोक्त मामले में आपके खिलाफ जांच/ परीक्षण लंबित है, यह फैसला लिया गया है कि आपकी दो दिसंबर, 2019 की नियुक्ति के प्रस्ताव को अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है. हालांकि यह सुनवाई पूरी होने के बाद मंत्रालय आपकी नियुक्ति की समीक्षा करेगा और उसके बाद आप वरिष्ठता की हानि के बिना एसवीपी राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं. ‘
भावना बिरुदुला ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा था कि वह ओस्मानिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान महेश्वर रेड्डी से मिली थीं. 2018 में उन्होंने शादी कर ली. इसके बाद महेश्वर का चयन आईपीएस के लिए हो गया. रेलवे कर्मचारी भावना ने आरोप लगाया है कि आईपीएस के लिए चयन होने के बाद उनके पति ने उनसे दूरी बना ली. पत्नी के तौर पर मुझे स्वीकार न करने के अलावा उन्होंने मेरा शोषण करना शुरू कर दिया. वह मुझपर उन्हें तलाक देने के लिए दबाव बना रहे हैं ताकि वह दूसरी महिला से शादी कर सकें.