नई दिल्लीः एन पी आर और एनआरसी पर सरकार को घेरते हुए पूर्व वित्त मंत्री चिदमंबरम ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने सामान्य रेजिडेंट्स की बात की थी और इसमें नागरिकता का कोई जिक्र नहीं था.
कांग्रेस सासंद ने एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों पर पुलिस की हिंसा पर भी सख्त नाराजगी जाहिर की.
इस बवाल के बीच पार्टी का पक्ष रखने के लिए चिदंबरम ने बीजेपी के कांग्रेस के एनपीआर संबंधित 2010 के विडियो को शेयर करने पर पलटवार किया.
चिंदबरम ने 2010 में कांग्रेस के एक विडियो को बीजेपी द्वारा जारी करने पर ट्वीट किया, ‘मैं खुश हूं कि 2010 में कांग्रेस के एनपीआर लॉन्च करने के विडियो को बीजेपी ने शेयर किया है.
I am happy that the BJP has released a video clip of the launch of NPR in 2010.
Please listen to the video. We were enumerating the "usual residents" of the country. The emphasis is on residency not citizenship.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2019
कृपया उस विडियो को आप सब ध्यान से सुनें.हम देश के सामान्य नागरिकों (यूजअल रेजिडेंट्स) की बात कर रहे हैं.
देश में रहनेवाले निवासियों पर हमारा जोर है और इसमें कहीं भी नागरिकता का जिक्र नहीं किया गया है. सभी सामान्य नागरिकों को इसमें शामिल किया गया है जाति, धर्म, जन्म आदि पर बिना किसी भेदभाव के.
एनपीआर सिर्फ 2011 जनगणना की तैयारी भर थी. उसमें एनआरसी का कोई जिक्र नहीं था.
वहीं बीजेपी पर एनपीआर को लेकर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद ने इसे बहुत खतरनाक बताया. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार का अजेंडा बहुत घातक है और इसलिए सरकार ने कल इसे मंजूरी दी है.
यह एनपीआर अपने मूल रूप में बहुत खतरनाक और 2010 के एनपीआर तत्व और संदर्भ दोनों के लिहाज से बहुत अलग है.
पूर्व वित्त मंत्री आईएनएक्स मीडीया केस में जमानत पर बाहर हैं. उन्होंने एनपीआर के बहाने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘अगर बीजेपी का उद्देश्य पवित्र है तो सरकार को औपचारिक तौर पर कहना चाहिए कि हम बिना किसी शर्त के 2010 की शैली वाले एनपीआर का समर्थन करते हैं
और विवादित एनआरसी से इसे जोड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं है.’ पूर्व वित्त मंत्री सोशल मीडिया पर एक ट्वीट एनआरसी प्रदर्शनकारियों पर देश के विभिन्न हिस्सों में हुई पुलिस हिंसा पर नाराजगी जताते हुए भी किया.
उन्होंने कहा, ‘संविधान से मिली शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित होकर प्रदर्शन करनेवालों का अधिकार हमेशा सुरक्षित रहे.
पुलिस को ऐसा लगता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी कानून व्यवस्था के लिए रेप, मर्डर और लिचिंग से भी अधिक खतरनाक हैं.