रांची: विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकारी के भावी कार्यक्रम को सदन में पेश किया. राज्यपाल के अभिभाषण पर वक्तव्य देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने, झारखंडियों को उनका अधिकार दिलाने, वंचित, गरीबों, आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, युवा और महिलाओं की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती सिर्फ सरकार के सामने ही नहीं, बल्कि सदन के सामने भी है.
सदन के सामने जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती है. उन्होंने कहा कि गत विधानसभा में लगातार कहता रहा था कि संख्या बल के आधार पर जन भावनाओं को नहीं रौंदा जाए. दबे-कुचले, गरीब, आदिवासियों के अधिकारों को नहीं छीना जाए, उनके संवैधानिक सुरक्षा का बच्चों पर हमला नहीं किया जाए. हालांकि वो सुनने वाली सरकार नहीं थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जनता ने सुनने वाली सरकार चुनी है. हम सबकी सुनेंगे. पक्ष की भी, विपक्ष की भी. आसन की भी, विद्वानों की भी, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा और बुजुर्गों की भी यह सुनने वाली सरकार है. समाज के तमाम वर्गों से, राज्यी और देश के तमाम नियामक संस्थाओं से, विद्वानों और गैर सरकारी संस्था, लोकतंत्र के प्रहरी से स्वभस्थर एवं सकारात्मक आलोचनाओं को आमंत्रित करता हूं.
श्री सोरेन ने कहा कि आज मैं जिस सदन के नेता के रूप में खड़ा हूं, उस सदन में राज्य के कई विद्वान और अनुभवी राजनेता सदस्य हैं. यह सदन अनुभव और ऊर्जा का अद्भुत संगम है. उनमें समन्वय करना मेरे लिए बड़ी चुनौती है. अपने अनुभवी, योग्य एवं संवेदनशील सहयोगियों के आशीर्वाद, सहयोग और मार्गदर्शन से हमारी सरकार एक ऐसी लकीर खींच पाने में सफल होगी, जो गरीब की तकदीर को नए तरीके से लिखेंगी.
तिजोरी को भरने वाली विकास की धारा को हम समाप्त करेंगे
सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार संरचना आधारित विकास नहीं, बल्कि व्यक्ति निर्माण आधारित विकास मॉडल पर काम करेगी. संरचना निर्माण आधारित विकास का लाभ गरीबों की झोपड़ी तक नहीं पहुंचा. नेता और अफसर की तिजोरी को भरने वाली विकास की धारा को हम समाप्त करेंगे.
हमारी सरकार की विकासधारा जरूरतमंद, गरीब, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के दिल और दिमाग दोनों को सीचेंगी. ये विकास महसूस किया जाएगा और बिना सरकारी विज्ञापन के दिखेगा भी. हम यह वायदा इस सदन के संपूर्ण सहयोग की अपेक्षा के साथ राज्य की जनता से करते हैं.
सरकार ने अपने वायदे पर पहले दिन से ही काम करना शुरू कर दिया
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अपने वायदे पर पहले दिन से ही काम करना शुरू कर दिया. अपने अनुपूरक बजट में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पारा शिक्षक, वृद्धावस्था पेंशन, मदरसा शिक्षकों, छात्रवृत्ति, जनजातीय पेंशन योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, आयोडीनयुक्त नमक और युवाओं के कौशल विकास के लिए धन की व्यवस्था ठेकेदारी वाले विभाग से धन काटकर किया है.
हमारी सरकार की भावी रणनीति का संकेतक है. हमारी सरकार शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और पर्यटन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने विकास नीतियों का निर्धारण करेगी. राज्यपाल ने हमारी सरकार के भावी स्वरूप को सदन के माध्यम से राज्य की जनता के सामने रखा है. हम सभी मिलकर इसे मूर्त रूप देंगे.
विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी लाकर बचाए जा सकते हैं अरबों रुपये
उन्होंने कहा वाणिज्यकर और खनन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर और इन विभागों के न्यायालय में लंबित मामलों का निपटारा कर 15,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. साथ ही, अन्य विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी लाकर अरबों रुपये बचाए जा सकते हैं . इस दिशा में त्वरित कार्रवाई का निर्देश मुख्य सचिव और एडवोकेट जनरल को दिया है.
राज्य के खजाने पर पहला अधिकार गरीबों का है. नौकरशाही जनता के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाये. नियम कानून के दायरे में काम करें. समय की पाबंदी रखें. वंचितों संवेदनशील हो. नौकरशाही को इन 5 मानकों पर परखा और मापा जाएगा. साथ ही, सरकार और सरकार के लिए काम कर रहे कर्मियों के भयादोहन की इजाजत किसी को नहीं होगी.
हाल के वर्षों में नौकरशाही का राजनीतिकरण हुआ है. सरकारी अफसरों को सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की तरह कार्य करना एक खतरनाक प्रवृत्ति है. हमारी सरकारी इससे अवगत है. नौकरशाही को जनता के प्रति जिम्मेवार बनाने के लिए कृतसंकल्पित है.
इस विषय पर हमारी सरकार कठोरता से आगे बढ़ेगी. ऐसा माहौल बनाएगी कि सरकारी कर्मी भयमुक्त होकर पूरे मनोबल के साथ अपना काम कर सके.
हमारी खुशियां किसी के लिए खतरनाक नहीं बनें
सोरेन ने कहा कि झारखंड के लिए जश्न का दिन है, लेकिन उन्माद का नहीं. झारखंडियों को यह ध्यान रखना होगा कि हमारी खुशियां किसी के लिए खतरनाक नहीं बनें.
असुरक्षा का कारण नहीं बनें. हमारा जश्न किसी का जख्म नहीं बनें. तभी हम झारखंड के शहीदों और पूर्वजों के बलिदान की भावनाओं के अनुरूप काम कर पाएंगे.
हमारी सरकार एक समावेशी झारखंड के निर्माण की दिशा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ेगी. सबको उसका हक मिले, इसका पूरा प्रयास करेंगी