खूंटीः भगवान बिरसा मुंडा के गांव को डोम्बारीबुरू से सीधे जोड़ने के उद्देश्य से पहाड़ो को काटकर दस किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई. यह सड़क जिला प्रशासन की उस सोच का प्रतिफल है, जिसमें यह सोचा गया था कि डोम्बारीबुरू को सीधे भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु से जोड़ा जाय.
इस सड़क के बनने से अब लोग भगवान बिरसा के उलिहातु से सीधे सोयको और वहां से मात्र दस कि0मी0 की दूरी तय कर डोम्बारीबुरू पहुंचेंगे अर्थात डोम्बारीबुरू से मात्र 24 किलोमीटर पक्के सड़क से होकर उलिहातू पहुंचा जा सकता है.
सड़क के बनने से पहले लोगों को डोम्बारीबुरू से पहले नदीढीपा के पास खूॅंटी-तमाड़ रोड पर आना पड़ता था. जिसके कारण डोम्बारीबुरू से उलिहातु पहुंचने में 40 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी.
अर्थात एक दस किलोमीटर लम्बी सड़क बनने से डोम्बारीबुरू से उलिहातु की दूरी 16 किलोमीटर कम हो गई. साईको से मारंगहादा करीब दस किमी लंबी सड़क बनने से लोग सोयको से गुटूहातु, एदेलबेड़ा होते हुए जोजोहातु पहुंचते है.
मात्र 14 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग सोयको से मारंगहादा पहुंचेंगे. जहां से दसम फाॅल और तैमारा के पास एनएच-33 पहुंचते है.
इस सड़क के किनारे बसे साढे चार हजार की आदिवासी आबादी को लाभ होने के साथ यह सड़क जिलावासियों और दूसरे प्रदेशों और शहरो से भगवान बिरसा मुंडा और डोम्बारीबुरू भ्रमण करने आने वाले लोगों को भी सड़क का लाभ मिलेगा.