चतरा: सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है ताकि छात्राओं की पढ़ाई में मदद मिल सके. सिमरिया अनुमंडल में पैसा खर्चा करने के बाद भी छात्रों को सुविधा देने के लिए बन रहा छात्रावास आठ सालों में भी पूरा नहीं हो सका है.
आलम यह है कि अर्द्धनिर्मित भवन असामाजिक तत्वों का शरण स्थली बनती जा रही है. जिससे लेकर स्थानीय लोगों में सरकार के रवैये के प्रति खासी नाराजगी है. यह छात्रावास कल्याण विभाग बना रही है. भवन बिना किसी योजना के ही बनाया जा रहा है और बिना योजना का बना यह भवन 8 सालों बाद भी आखिर अधूरा ही रह गया.
चार वर्षों से छात्रावास में एक ईट भी नहीं जोड़ा गया है. यह भवन बनने से पहले ही उजड़ता जा रहा है. चोर-उच्चके कभी इसकी ईट तो कभी लोहा उखाड़ कर ले जा रहे हैं. योजना का उद्देश्य यहां के छात्रों को हॉस्टल के सुविधा उपलब्ध कराना था.
बता दें कि कल्याण विभाग का यह छात्रावास शिक्षण महाविद्यालय में और दूसरा अनुसूचित जनजाति बालिका उच्च विद्यालय में बनाया जाना था.
दोनों छात्रावास निर्माण की प्राक्कलित राशि 95-95 लाख रुपया है. इसके अलावा बानासाड़ी के परियोजना बालिका उच्च विद्यालय में 95 लाख का एक अन्य छात्रावास बनना था, लेकिन सभी योजनाएं अधूरी पड़ी हुई और क्षतिग्रस्त हो रही है.
मामले को लेकर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है. छात्रावास का निर्माण कार्य अब तक अधूरा क्यों है इस पर जांच कर जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अब सवाल यह है कि आम लोगों की गाढ़ी कमाई की किस तरह बर्बादी की जा रही है. आठ सालों में ना जाने कितनी बार सरकारे बनी और बदली.
लेकिन यह महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर नहीं उतरी अगर यह योजना धरातल पर उतरती तो ना जाने कितने छात्राओं को फायदा मिलता. अब यह देखने वाली बात होगी सरकार की नींद कब खुलती है और कब यह भवन बनकर तैयार होता है.