जमशेदपुर : संथाल परगना का सबसे बड़ा पर्व 14 जनवरी है. जिसे मकर संक्रांति या टुसू पर्व के नाम से जाना जाता है. पूरे कोल्हान में इस पर्व का खासा उत्साह देखने को मिलता है. जहां लोगो ने अपने काम धाम छोड़कर एक महीने तक टुसू पर्व के उत्साह में डूबा रहता है. हालांकि इस वर्ष मकर संक्रांति15 जनवरी को मनााया जाएगा. वहीं मकर या टुसु पर्व का समय नजदीक आते ही हाट बाजारों में रौनक बढ़ती जा रही है. खुशी के माहौल में ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी संख्या में दुकानों मे कपड़ों की खरीदारी करने के लिए जुट रहे हैं. वही सरायकेला जिले के कुकड़ू साप्ताहिक हाट में शुक्रवार को काफी रौनक देखने को मिला. जहां लोग हर्ष और उल्लास के साथ खाद्य समाग्री से लेकर मिट्टी के बर्तन, चूड़ा, गुड आदि खरीदारी करते देखे गए.
इस दौरान दुकानदारो के चेहरे पर भी काफी मुस्कान देखी गई. हालांकि सप्ताहिक कुकड़ू हाट में पहले की भांति इस वर्ष ज्यादा ही टुसू और चौड़ल देखने को मिला.आपको बता दें कि मकर के दिन अधिकतर लोग नए वस्त्र पहनते हैं. वहीं मकर पर्व के दौरान तरह-तरह का पीठा भी बनाया जाता है. इस दिन गांव के देवस्थानों में पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है.
मकर पर्व के दौरान लोग रात भर जग कर टुसू गीत का आनंद लेते हैं. साथ ही सुबह होने से पूर्व विभिन्न जलाशयों में सुबह डुबकी लगाकर नया वस्त्र धारण करते हैं. वही पूरे झारखंड व पश्चिम बंगाल के इलाको में करीब एक माह तक मेला का सिलसिला जारी रहती है. जहां दूरदराज से हजारों की संख्या मे लोगों की भीड जुटती है. इस पर्व में मुर्गा पाड़ा का भी खासा महत्व होता है. ऐसा माना जाता है, कि मुर्गा पाड़ा के जरिए रसूखदार अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करते हैं.