गुमला: सूचना आयोग के निर्देश के बावजूद भी जन सूचना पदाधिकारी द्वारा आवेदक को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने के मामले को झारखण्ड राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त-सह- कार्यवाहक मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी के द्वारा गंभीरता से लेते हुए रांची के अवर निबंधक को दण्ड लगाने के लिए कारण-पृच्छा जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत गुमला के लक्ष्मणनगर निवासी आवेदक भोला दास ने रांची के अवर निबंधक -सह- जन सूचना पदाधिकारी से एक बिन्दू पर कुछ जमीन निबंधन सम्बंधी दस्तावेजो की प्रमाणित प्रति मांगा था लेकिन ससमय सूचनाएं नहीं दिया गया. याचित सूचनाएं नहीं मिलने पर आवेदक भोला दास ने सूचनाधिकार नियम – 19(1) के तहत अपर समाहर्ता सह प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के पास प्रथम अपील दर्ज कर अवर निबंधक के द्वारा रोकी गई सूचनाएं दिलाने का आग्रह किया. जिसपर अपर समाहर्ता के द्वारा सुनवाई कर एक सप्ताह के अंदर सम्पूर्ण सूचनाएं आवेदक के नाम निर्गत करने का आदेश दिया गया लेकिन किसी तरह की कोई भी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गई.
जिससे व्यथित होकर आवेदक ने सूचनाधिकार नियम – 19(3) के नियमानुसार झारखण्ड राज्य सूचना आयोग में एक द्वितीय अपील दर्ज कर अवर निबंधक-सह-जन सूचना पदाधिकारी को दण्ड लगाते हुए रोकी गई सम्पूर्ण सूचनाएं दिलाने का आग्रह किया था. जिसपर आयोग ने मामले को संज्ञान में लेकर जान-बुझ कर सूचनाए को रोकने को लेकर अवर निबंधक – सह – जन सूचना पदाधिकारी को नोटिस जारी कर आवेदक को सभी मांगी गई सूचनाओं को निर्गत करने का आदेश देते 08-01-2020 की सुनवाई में सशरीर उपस्थित होकर जवाब देने को कहा था.
लेकिन उक्त सुनवाई में अवर निबंधक (रांची) उपस्थित नहीं हुए और ना ही आवेदक को किसी तरह की कोई सूचनाएं उपलब्ध कराई गई. जिससे आयोग ने अवर निबंधक को दण्ड के लिए कारण-पृच्छा नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 24-12-2020 तक लिखित जवाब मांगा है. आदेश में आयोग ने अवर निबंधक को सख्त हिदायत दिया है कि यदि उक्त सुनवाई में लिखित जवाब नहीं आया या फिर जवाब असंतोषजनक रहा तो आयोग एक्ट की धारा – 20(1) के तहत 25 हजार पेनाल्टी के साथ- साथ धारा -20(2) के तहत विभागीय अनुशासनात्मक कारवाई का आदेश भी पारित कर दिया जाएगा.