जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर से बाहर निकलने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार पुलिस उपाधीक्षक देविंदर सिंह को बहादुरी के लिए दिया गया शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक बुधवार को ”वापस” ले लिया. सरकारी आदेश के अनुसार, निलंबित अधिकारी का कदम विश्वासघात के बराबर है और उससे बल की छवि खराब हुई है. अफजल गुरु ने फांसी से पहले लिखे पत्र में DSP देविंदर सिंह का नाम लिया था और दावा किया था कि इन्होंने उनकी मदद की है.
आदेश के अनुसार, सिंह को 2018 मे पुलिस पदक दिया गया था. उल्लेखनीय है कि पुलिस ने शनिवार को सिंह को दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के मीर बाजार में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों नवीद बाबा और अल्ताफ के साथ गिरफ्तार किया था।. इसके अलावा एक अज्ञात वकील भी उनके साथ था जो आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहा था.
सरकारी आदेश में कहा, ” दो आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर से बाहर निकलने में मदद करने की कोशिश और हथियारों एवं गोला-बारूद की बरामदगी विश्वासघात के बराबर है और इससे बल की छवि खराब हुई है. इसी के चलते 11 जनवरी को देविन्दर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उनसे शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक ”वापस” लिया जाता है.”
प्रधान सचिव (गृह) शालीन काबरा ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. गिरफ्तारी के तत्काल बाद सिंह के आवास सहित विभिन्न जगहों पर पुलिस टीम भेजी गई थी. सिंह के आवास से दो पिस्तौल, एक एके 47 राइफल और काफी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया.