रांची: झारखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. अनेक ऐसे प्रतिभाशाली लोग हैं जो प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपने अपने क्षेत्र में विशेष प्रदर्शन कर रहे हैं. आवश्यकता है ऐसे प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करने की. यह उद्गार आज बतौर मुख्य अतिथि साहित्यकार एवं समाजसेवी महुआ माजी ने झारखंड विभूति वीर बिरसा सम्मान का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किया.
विशिष्ट अतिथि एसोचैम के पूर्व रीजनल डायरेक्टर एवं आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के निर्देशक एस के सिंह ने कहा के प्रतिभाओं को जो समाज नहीं निखारता वह आगे नहीं बढ़ पाता है.
संगत, डिसएबल स्पोर्ट्स एवं जन उत्थान समिति की इकाई एवं मां शारदे मंच द्वारा संयुक्त रूप से आज विचार मंच, दरभंगा हाउस, सीसीएल के सभागार में चिकित्सा, बाल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, समाज सेवा, साहित्य एवं प्रकाशन, कला संस्कृति, दिव्यांगता पुनर्वास, खेलकूद, प्रबंधन आदि क्षेत्र से 14 प्रतिभाओं को झारखंड विभूति वीर बिरसा सम्मान 2020 से नवाजा गया.
सम्मानित होने वालों में शामिल हैं
वंदना टेटे- प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन, हेजल डेविस- डेविस इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसाइकेट्री, गोपाल सिंह- सीसीएल, सतीश चंद्र- राज्य निशक्तताआयुक्त, जितेंद्र कुमार -साइटसेवर्स, महादेव हांसदा- सेव द चिल्ड्रन, पूजा -सृजन फाउंडेशन, प्रवीण लोहिया-मुक्ति संस्था, इंदिरा शुक्ला-अखिल भारतीय महिला विकास परिषद, देवदास विश्वकर्मा -संत मिखाइल ब्लाइंड स्कूल, रंजन बिहारी प्रसाद- ऑल झारखंड आर्टिस्ट एंड कल्चर एसोसिएशन, अनिल कुमार यादव, सुनील कुमार अग्रवाल- समाजसेवी और सुनील जैन.
चयनित विभूतियों को डॉक्टर महुआ मांजी, डॉक्टर एस के सिंह, हरिनारायण सिंह प्रखर पत्रकार और केंद्रीय सेंसर बोर्ड के सदस्य अशोक शरन के द्वारा मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के आयोजन में मुकेश कंचन, प्रणव कुमार बब्बू, नीतू तरंग, राहुल मेहता, विपुल सेन गुप्ता, वागीश कुमार आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई.