शिरडी: साई जन्मस्थान को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का दिए बयान के बाद विवाद गहराता जा रहा है. आज से शिरडी शहर में बंद बुलाया गया है. हालांकि बाबा के भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुले हुए हैं. शहर बंद होने के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, दुकाने बंद हैं. इन सबके बीच बाबा के दर्शन के लिए भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं. मंदिर के बाहर भक्तों की अच्छी खासी तादाद देखने को मिल रही है जो अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. विवाद बढ़ता देख राज्य के मुख्यमंत्री ने बातचीत की इच्छा जताई है.
क्यों उपजा है विवाद
शिरडी के साई बाबा को लेकर विवाद उस समय पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साई बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की थी. कुछ श्रद्धालु पाथरी को साई बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है.
शहर बंद, खुला रहेगा मंदिर
शिरडी स्थित श्री साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. मुगलीकर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को साई बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी दिए बयान को वापस लेना चाहिए. देश के कई साई मंदिर है जिसमें से एक पाथरी भी है. साई भक्त इससे आहत हुए हैं, ऐसे में विवाद को खत्म किया जाना चाहिए. ‘
बंद को भाजपा का समर्थन
स्थानीय भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री को साई बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए. ‘ पूर्व राज्यमंत्री ने कहा, ‘देश के कई साई मंदिरों में एक पाथरी में भी है. सभी साई भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए।’ वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शुक्रवार को कहा था कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का पाथरी में विकास का विरोध जन्मस्थान विवाद की वजह से नहीं किया जाना चाहिए.
विवाद सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री करेंगे बैठक
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साईबाबा के जन्म स्थान को लेकर पैदा हुए विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करेंगे. यह जानकारी शनिवार शाम को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई. यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब शिरडी के स्थानीय नेताओं ने रविवार को इसके खिलाफ बंद बुलाया है. शिरडी में ही साईबाबा का मंदिर है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठाकरे सभी संबंधित पक्षों के साथ राज्य सचिवालय में बैठक करेंगे.
शिरडी के लोगों में हैं नाराजगी
मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद शिरडी गांव में रहने वाले लोग नाराज हो गए हैं. शिरडी साई ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पाथरी के विकास से किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है लेकिन उसे साई की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है क्योंकि साई ने कभी अफने धर्म, जन्मस्थान के बारे में नहीं बताया था. साई कहां के थे ये किसी को नहीं पता लेकिन उनकी कर्मभूमि शिरडी है. शिरडी की पहचान भी बाबा से होती है. ठाकरे के बयान से लोग आहत हैं और उन्होंने बंद बुलाया है.