रांची: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा की भाजपा अपने विधानमंडल दल का नेता नहीं चुन पा रही है जबकि सिर्फ एक व्यक्ति का चयन करना है. विधानमंडल दल के एक नेता चयन में जिस पार्टी को इतना वक्त लग रहा है उसे दूसरे के घरों में झांकने का कोई अधिकार नहीं है. दूबे ने कहा कि इतना ही नहीं 5 वर्षों में भाजपा अपनी पूरी मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाई थी और मंत्रिपरिषद का एक बर्थ किस ब्लैकमेलिंग और भय का आतंक था यह भी जवाब देना चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने कहा कि यह गठबंधन की सरकार है और मंत्रिमंडल का गठन शीघ्र हो जाएगा. झारखंड की परंपरा है कि शुभ कार्य खरमास के बाद करते हैं, खरमास समाप्त हुए अभी चार दिन ही बीते हैं. अतिशीघ्र मंत्रीमंडल का गठन हो जाएगा. महागठबंधन की सरकार कोई भी काम जल्दबाजी में और बिना विचार करें नहीं करेगी. भाजपा प्रदेश में नकारी जा चुकी है, इस बात का एहसास अभी तक भाजपा को नहीं हुआ है. इनके मुख्यमंत्री चुनाव हार चुके हैं. भाजपा के अंदर आपसी घमासान चरम पर है. नेता, कार्यकर्ता एक दूसरे को अपमानित कर रहे हैं. भाजपा ने पहले सरकार चलाने के लिए दूसरे दलों में तोड़फोड़ किया और अब संगठन चलाने के लिए दूसरे दलों में नेतृत्व तलाश रही है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अभी भी वक्त है भाजपा अपने घर को ठीक करें और सकारात्मक राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें तो बेहतर होगा. भाजपा को समीक्षा करनी चाहिए कि उनके मुख्यमंत्री क्यों चुनाव हार गये, चार-चार मंत्री को जनता ने नकार दिया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव हार गये हैं. इस पर मंथन करना चाहिए.
जहां तक हेमंत सोरेन की सरकार के कामकाज की बात है तो पिछले 5 वर्षों में बिजली की अनियमिति आपूर्ति को लेकर भाजपा सरकार कभी गंभीर नहीं दिखी. आज स्थिति यह है कि छुट्टी के दिन यानि रविवार को भी मुख्य सचिव ने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर राजधानी में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया जो सरकार की इच्छाशक्ति को दर्शाता है. सरकार जनता के पक्ष में जनादेश को सिरमौर देते हुए काम कर रही हैं, जो भाजपा के समझ के बाहर की बात है. मुख्यमंत्री सर्वश्रेष्ठ जनप्रतिनिधि का अवार्ड लेने दिल्ली गये हुए है. जो राज्य की जनता के लिए गौरव का क्षण है. भाजपा के मुख्यमंत्री रघुवर दास जी को पूरे देश में कभी भी किसी ने एक गुलदस्ता से भी सम्मानित नहीं किया. हम समझ सकते है भाजपा की बेचैनी और हताशा को.