नई दिल्ली/चंडीगढ़: 30 हजार करोड़ की लागत से दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन डा. सुखबीर सिंह संधू ने इस पर सहमति जताई है. मुख्यमंत्री ने सोमवार दोपहर बाद एनएचएआई के चेयरमैन के साथ मीटिंग की.
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 30 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसमें 10 हजार करोड़ रुपये एनएचएआई द्वारा पंजाब में 300 किलोमीटर मार्ग के लिए खर्च किए जाएंगे. एनएचएआई के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रधिकरण द्वारा प्रस्तावित संक्षिप्त सर्वेक्षण को अब अंतिम रूप दिया जा चुका है जिससे इस प्रोजेक्ट के रास्ते की सारी बाधाएं दूर हो गई हैं.
मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने शंभू-जालंधर (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-1), राष्ट्रीय राजमार्ग-95 का लुधियाना-तलवंडी भाई के हिस्से को भी जल्द शुरू करने की मांग की. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर टोल टैक्स की वसूली रद्द करने का आग्रह किया क्योंकि इस मार्ग का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग 205 ए पर खरड़-बनूड़-तेपला के फोर लेन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मार्ग मई, 2017 में एनएचएआई को सौंप देने के बावजूद अभी तक इसे पर काम शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने एनएचएआई को इसका कार्य जल्द शुरू करने के लिए कहा.
ट्रैफिक जाम पर भी हुई चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय टोल रोड होने के कारण मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग-22 पर जीरकपुर शहर में अक्सर ट्रैफिक जाम लगा रहता है. सड़क के दोनों तरफ घनी आबादी और व्यापारिक गतिविधियों के कारण बहुत ज्यादा ट्रैफिक जाम रहता है. इस कारण टोल व्यवस्था को फिर से जांचने की जरूरत है. उन्होंने एनएचएआई से गमाडा और स्थानीय नगर काउंसिल के साथ मिलकर जीरकपुर शहर में टोल रोड की व्यापक स्तर पर समीक्षा करने की मांग की.