रांची: पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड अंतर्गत बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थक और विरोधियों के बीच हिंसक झड़प में सात लोगों की हत्या कर दी गई. सभी शव बरामद कर लिये गये हैं. मृतक पत्थलगड़ी विरोधी बताये जाते हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय ने पश्चिम सिंहभूम जिले में पत्थलगड़ी समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसक घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली से लौटते ही इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे.
हौसले होने लगे बुलंद
इस घटना के बाद विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार के निर्णय से पत्थलगड़ी समर्थकों के हौसले बुलंद होने लगे हैं. कानून का खौफ उनमें नहीं रहा. इसका विरोध करने वालों को वे मौत के घाट तक उतार दे रहे हैं. बतातें चलें कि हेमंत सरकार ने 29 दिसंबर को हुई पहली कैबिनेट में ही पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ दायर देशद्रोह के केस को वापस लेने का निर्णय लिया गया था. विपक्ष में रहने के दौरान भी हेमंत पत्थलगड़ी समर्थकों के पक्ष में बोलते रहे थे. उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को कई तरह से जायज ठहरा रहे थे.
ये है घटनाक्रम
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा में रविवार देर रात पत्थलगड़ी समर्थक और विरोधियों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई थी. इसमें गुलीकेरा ग्राम पंचायत के उपमुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी. हत्या करने के बाद सभी लोगों के शव गांव के पास स्थित जंगल में फेंक दिये गये थे. दरअसल सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा गांव में घूम-घूम कर कुछ दस्तावेज मांग कर जमा किये जा रहे थे. यह काम पिछले 10-12 दिनों से चल रहा था. इसी दौरान बीते 17 जनवरी को पत्थलगड़ी विरोधियों और समर्थकों के साथ मारपीट हो गई थी. फिर बीते रविवार को पत्थलगड़ी समर्थक और पत्थलगड़ी विरोधियों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिनमें पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा पत्थलगड़ी विरोधी 7 लोगों की हत्या कर दी गयी.
मुख्यमंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
मुख्यमंत्री सचिवालय ने पश्चिम सिंहभूम जिले में पत्थलगड़ी समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसक घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली से लौटते ही इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी ट्वीट में यह भी कहा गया है कि कानून का नियम सर्वोच्च है और दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रघुवर सरकार ने दर्ज किया था मामला
खूंटी सहित राज्य के कई जिलों में पत्थलगड़ी की जा रही थी. रघुवर सरकार का कहना था कि इसकी आड़ में राष्ट्र विरोधी कार्य किये जा रहे हैं. इसे सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. इस कारण सरकार ने पत्थलगड़ी करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराया था.