रांची: झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं. यह दिन हमें वीर शहीदों को नमन करने का मौका देता है. यदि हम उनके आदर्शों को अपनी जिंदगी में उतारेंगे तो पुनः हमारे अंदर वही उर्जा का संचार होगा, जिसकी आवश्यकता हमारे देश, राज्य और समाज को है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही. मुख्यमंत्री दुमका के इन्डोर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
एकजुटता भारत को पूरी दुनिया में ताकतवर बनाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है. यहां के हर वर्ग के लोग हमेशा से मिलजुल कर रहते आए हैं. कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह एकजुटता बरकरार रहेगी और भारत पूरी दुनिया में एक बड़ी ताकत के रूप में जाना जाएगा. इतना ही नहीं हमारे देश की एकता पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगी.
वीरों की धरा है अपना झारखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि झारखंड वीरों की भूमि रही है. यहां के वीरों ने अपने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है. हमें इस बात का गुमान है कि हम इस वीर भूमि के निवासी हैं, जिन्होंने इस देश, समाज, संस्कृति और धरोहर की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी थी. भगवान बिरसा मुण्डा, सिदो- कान्हू चांद -भैरव और फूलो- झनो जैसे सैकड़ों वीरों ने देश की आजादी के लिए ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लिया था और हंसते हंसते देश के लिए शहीद हो गए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उनके सपनों का झारखंड बनाने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है.
जबतक दुनिया रहेगी गणतंत्र दिवस का वजूद रहेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में नई सरकार बनने के बाद यह पहला मौका मिला है. जब हम गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं. पूर्व की तरह हमें इस दिन और भी यादगार बनाना है. भारत में कुछ तारीख ऐसी हैं जिसका वजूद तब तक रहेगा जब तक दुनिया रहेगी. इसमें 15 अगस्त और 26 जनवरी का दिन सबसे खास मायने रखता है. इस दिन को हम कभी भुला नहीं सकते हैं.
ज्ञान में है बड़ी ताकत
दुमका उपायुक्त बी राजेश्वरी ने कहा कि पुस्तकों के प्रति मुख्यमंत्री का लगाव इस बात का इशारा करता है कि ज्ञान ही वह ताकत है, जिसके जरिए देश और राज्य को विकास के रास्ते पर बेहतर तरीके से आगे ले जाया जा सकता है.
इस अवसर पर संथाल परगना के आयुक्त, डीआईजी, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य पदाधिकारियों के अलावा छात्र छात्राएं और बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद थे.