पंकज सिंह,
चतरा (इटखोरी): सरकार विकलांगों के लिए चाहे जितनी योजनाएं पटल पर क्रियान्वित कर दें लेकिन विकलांगों की पहुंच से ये सभी दूर हैं. इसका सबूत धनखेरी गांव के 35 वर्षीय राजेश भुईयां की आपबीती से मिलता है. राजेश भुईयां महीनों से ट्राई साइकिल पाने के लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय का चक्कर काट रहा है . सीडीपीओ की दुर्व्यवहार मानसिकता की बजह से राजेश आज डंडा के सहारे चलने को मजबूर हैं. राजेश का हाल यह है कि वह डंडा के सहारे अपने जीविकोपार्जन के लिए दूसरे के सामने हाथ फैला रहा है.
जिससे सीडीपीओ पर अनियमितता के कई गंभीर आरोप लगने शुरू हो गये हैं. आपको बता दें कि राजेश थक हार कर अपनी आपबीती जीप सदस्य को सुनाई तो जीप सदस्य ने मामला को संज्ञान में लेते हुए राजेश भुईयां को ट्राई साइकिल देने की अनुशंसा की लेकिन सीडीपीओ की दुर्व्यवहार मानसिकता ने जीप सदस्य की अनुशंसा को दरकिनार करते हुए राजेश को भटकने पर मजबूर कर दिया है.
वहीं जीप सदस्य दीलीप कुमार ने शनिवार को राजेश भुईयां को लेकर बाल विकास परियोजना कार्यालय पहुंचे जहां सीडीपीओ नदारद मिली जिससे मौजूद कर्मीयों को फटकार लगाते हुए बताया कि आए दिन भी सीडीपीओ कार्यलय में नदारद रह कर सिर्फ खानापूर्ति कर हाजिरी बना रही है. वहीं सीडीपीओ के खिलाफ बहुत जगह से संज्ञान में आ रहा है कि बाल विकास परियोजना में कोई भी काम नहीं हो रहा है. वहीं प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बिशनापुर का एक नियुक्ति पत्र में पैसा नहीं मिलने पर उस व्यक्ति को फटकार लगाते हुए भगा दिया गया है.
मालूम हो कि सरकार द्वारा विकलांगों के लिए पेंशन योजना के साथ रोजगार के लिए ऋण व तकनीकी प्रशिक्षण की तमाम योजनाएं चलायी जा रही है. यही नहीं विभिन्न समाजसेवी संस्थाएं व एनजीओ विकलांगों को ट्राई साइकिल वितरित करते देखे जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद विकलांग सभी योजनाओं से वंचित नजर आ रहे हैं. इसी की बानगी है धनखेरी निवासी राजेश भुईयां महीनों से बाल विकास परियोजना कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन उसे एक ट्राई साइकिल नहीं मिल पायी है.