नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में लगभग डेढ़ माह से विरोध -प्रदर्शन लगातार जारी है. जिस पर दिल्ली समेत पूरे देश में सियासत गरम है. दिल्ली में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. साथ ही मौसम भी काफी खराब हो जाता है. फिर भी प्रदर्शनकारी वहां पर डटे हुए हैं.
शाहीन बाग के प्रदर्शन को लेकर पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी जारी है. इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को एक और विवादित बयान दे दिया.
दिलीप घोष ने मंगलवार को कहा कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को कुछ हो क्यों नहीं रहा है, वे दिल्ली की भीषण ठंड में खुले आसमान में प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि बंगाल में सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी से घबराए लोग खुदकुशी कर रहे हैं.
दिलीप घोष ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों समेत प्रदर्शन में शामिल लोग बीमार क्यों नहीं पड़ रहे या मर क्यों नहीं रहे हैं, जबकि वे कई हफ्तों से खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे हैं.भाजपा सांसद ने कहा कि आखिरकार इस प्रदर्शन के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं.
घोष ने कहा कि हमें पता चला है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाएं और बच्चे दिल्ली की सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे बैठे हैं. मैं हैरान हूं कि उनमें से कोई बीमार क्यों नहीं हुआ? उन्हें कुछ हुआ क्यों नहीं? एक भी प्रदर्शनकारी की मौत क्यों नहीं हुई?
उन्होंने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला मामला है. क्या उन्होंने कोई अमृत पी लिया है कि उन्हें कुछ हो नहीं रहा है, लेकिन बंगाल में कुछ लोगों द्वारा घबराहट में खुदकुशी करने का दावा किया जा रहा है.