रांची: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया है. इस दो दिनी हड़ताल के कारण तीन दिनों तक बैंक की शाखाओं में कामकाज प्रभावित होगा.
हालांकि, इस हड़ताल में कई निजी बैंकों के कर्मी शामिल नहीं है. इससे लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है.
रविवार को सार्वजनिक छुट्टी
शुक्रवार और शनिवार को बैंकों में हड़ताल है. रविवार को सार्वजनिक छुट्टी है. इसके कारण लगातार तीन दिनों तक सरकारी बैंकों की शाखाएं बंद रहेगी. तीनों दिनों तक बैंकिंग सेवा प्रभावित रहने से लोगों को परेशानी होगी. माह के आखिरी दिनों में हड़ताल होने से वेतन और पेंशनभोगियों की राशि खाते में ट्रांसफर होने में परेशानी हो सकती है.
इन बैंक शाखाओं में लटकेंगे ताले
हड़ताल में सभी सार्वजनिक बैंकों के कर्मी शामिल हैं. ऐसे में इसका असर भी वहीं देखने को अधिक मिलेगा. जानकारी के मुताबिक राज्य के बैंकिंग कारोबार का 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सरकारी बैंक ही संभालते हैं.
भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों ने कहा भी है कि दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से कामकाज कुछ हद तक प्रभावित होगा. दो दिनों तक एसबीआई की 561, बैंक ऑफ इंडिया की 492 और इलाहाबाद बैंक की 147 शाखाएं बंद रहेगी.
देश भर में 10 लाख कर्मी हड़ताल में
हड़ताल में देशभर के करीब 10 लाख बैंककर्मी शामिल होंगे. इसमें सफाई कर्मी, क्लर्क और प्रबंधक भी हैं. उनके हड़ताल में रहने से बैंकों से नकद और चेक ट्रांजेक्शन पर असर पड़ सकता है. एटीएम का शटर भी गिर सकता है.
शुक्रवार को पूरे राज्य के एटीएम में पैसे डाले जाएंगे. हालांकि इसे खत्म होने पर पुन: पैसे डालने में परेशानी हो सकती है.
मांगें दो साल से लंबित
बैंक कर्मियों का कहना है कि केंद्रीय कर्मियों के वेतन से जुड़े मुद्दों पर तुरंत निर्णय लिया जाता है. बैंक कर्मियों की मांगें नवंबर 2017 से ही लंबित हैं. भारतीय बैंक संघ (आइबीए) के साथ 36 बैठकों के बाद भी इसका समाधान नहीं हो पाया है. संघ के अड़ियल रवैये के कारण उनके पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.