रांची: भाजपा राष्ट्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए समीर उरांव ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय जे.पी नड्डा के निर्देश पर 6 सदस्यीय जांच कमिटी को चाईबासा में हुए 7 आदिवासियों की नरसंहार की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर सौपना सुनिश्चित किया गया था. जिसे जांच दल ने अपनी रिपोर्ट को माननीय जे पी नड्डा एवं माननीय गृह मंत्री अमित शाह को कल दिल्ली में सौंपा.
प्रेस को संबोधित करते हुए उरांव ने कहा कि जांच दल ने माननीय गृह मंत्री से मांग किया कि चाईबासा में हुए नरसंहार की सीबीआई या एनआईए जांच की जाए. आगे उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आनन फानन में में अवैध पथलगडी एवं देशद्रोह के आरोपितो के ऊपर से केस हटाने का निर्णय लिया. इस वजह से ही आरोपितों का मनोबल बढ़ते हुए उक्त घटना को अंजाम दिया गया. जांच दल ने यह भी मांग किया कि पथलगडी के आरोपितों के ऊपर दर्ज केस की समीक्षा किया जाए. उरांव ने कहा कि झारखंड में इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद वहां के शासन द्वारा शोक संतप्त परिवारों को कोई आश्वासन या मुआवजा नहीं दिया गया बल्कि सबकुछ जानते हुए भी भ्रम फैलाने के लिए SIT के गठन की बात की जाती है.
इस जघन्य घटना को आपसी रंजिश का रूप देने की कोशिश की जा रही है.
ये जेएमएम और कांग्रेस की सरकार कभी भी आदिवासियों के हितैषी नहीं रहे हैं.
आगे उरांव ने कहा कि कुछ समय पहले तबरेज की पिटाई हुई थी उसमें कांग्रेस की सोनिया, प्रियंका, राहुल गांधी देशभर में घूम-घूम कर बात उठाई थी.
लेकिन हमारे झारखंड के आदिवासियों की नृसंस हत्या हो जाती है तो इनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकलता.
ये कांग्रेस और जेएमएम की नीति है
आगे उरांव ने कहा कि जांच दल ने यह भी मांग किया कि मरने वाले परिवार को मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए. प्रेस वार्ता में झारखंड से राज्यसभा सांसद समीर उरांव, बंगाल आलीपुरद्वार सांसद जॉन बारला, राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख, राष्ट्रीय प्रवक्ता उपस्थित थे.