रांची: जनगणना प्रपत्र में संपूर्ण भारत देश के आदिवासियों ध्जनजातियों के लिए अलग धर्म कोड काॅलम के लिए आगामी 18 फरवरी 2020 को जंतर- मंतर, नई दिल्ली में एकदिवसीय धरना- प्रदर्शन, राष्ट्रीय आदिवासी- इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति, भारत के द्वारा आयोजित किया गया है. धरना- प्रदर्शन सुबह 11 बजे दिन से 5 बजे शाम तक चलेगा. समिति के प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रधान मंत्री, माननीय गृह मंत्री, आदिवासी मामलों के मंत्री, राष्ट्रपति, रजिस्ट्रार जेनरल जनगणना विभाग, भारत सरकार के साथ जनजातीय आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा जाएगा. जिसमे अलग-अलग राज्यों से कई आदिवासी संगठन सहयोग कर रहे है. जैसे झारखंड से जय आदिवासी केन्द्रीय परिषद, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा इत्यादि. कार्यक्रम में सभी राज्यों के आदिवासी सामाजिक संगठन प्रतिनिधि, बुद्धि जीवी, छात्र- छात्रा शिरकत करेंगे. यह मांग लगातार 5 वर्षो से समिति द्वारा किया जा रहा है और जनगणना विभाग, भारत सरकार द्वारा 9 जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी कर दिया गया है.
आगामी 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक मकान सुचीकरण गणना का काम शुरु होने वाला है और 9 फरवरी से 28 फरवरी 2001 में जनगणना होगा. कार्यक्रम में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पं. बंगाल, असम, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, दिल्ली, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और दादरा एवं नगर हवेली से आदिवासी लोग जन्तर-मन्तर, नई दिल्ली पहुंचेगे. साथ ही साथ 18 फरवरी को ही सुबह 11 बजे दिन से 5 बजे शाम तक इसी मांग को लेकर राजभवन, रांची में धरना दिया जाएगा और राज्यपाल से मिलकर माननीय प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति, गृह मंत्री तथा रजिस्ट्रार जेनरल, भारत सरकार को भेजा जाएगा.
यह जानकारी दी राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनियस धर्म समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद उरांव की अगुवाई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई.
जिसमें जय आदिवासी केंद्रीय परिषद की महिला अध्यक्ष निरंजना हेरेंज टोप्पो जिलाध्यक्ष पारस लकड़ा प्रदेश प्रवक्ता हलधर चंदन पाहन गीता लकड़ा एंजिला टूडु कैली तिर्की झारखंड आदिवासी गोंड महासभा शशि प्रधान आदिवासी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष अजय टोप्पो करमा लिण्डा संजू मिंज संदीप उरांव लूथर कुजूर सहित अन्य कई लोग उपस्थित थे.