तेहरान, 7 जुलाई : बचाए गए 41 प्रवासियों को ले जा रही एक चैरिटी नौका प्रतिबंधों के बावजूद इटली के बंदरगाह पर जा पहुंची, लेकिन पहुंचने के घंटों बाद भी नौका से किसी को उतरने की अनुमति नहीं दी गई। बीबीसी ने शनिवार को बताया कि लैम्पेदुसा में रात होने के साथ एलेक्स का चालक दल और यात्री उसी में सवार रहे और पुलिस उन पर नजर बनाए हुए थी।
चेतावनी के बावजूद, यह स्वच्छता व स्वास्थ्य संबंधी असहनीय परिस्थितियों के कारण शनिवार को बंदरगाह पर पहुंच गई।
इटली के आंतरिक मामलों के मंत्री मात्तेयो साल्विनी ने फिर कहा है कि वह प्रवासियों को नौका से उतरने नहीं देंगे।
उन्होंने फेसबुक लाइव स्ट्रीम में कहा, “मैंने देखा कि जर्मन सरकार ने आज मुझे एक पत्र लिखा है जिसमें बंदरगाहों को फिर से खोलने और सभी प्रवासियों को उतरने देने के लिए कहा है। लेकिन, (मैं ऐसा नहीं करूंगा) नहीं, नहीं, नहीं, बिल्कुल नहीं।”
पिछले साल, उन्होंने प्रवासियों को बचाकर लाने वाली नौकाओं के लिए इतालवी बंदरगाहों को बंद कर दिया था और इटली ने बिना अनुमति के अपने क्षेत्र में प्रवेश करने वाली नौकाओं जुर्माना लागू कर दिया था।
भूमध्यसागरीय धर्मार्थ संस्था द्वारा संचालित की जाने वाली एलेक्स के द्वारा ट्वीट किया गया कि उसके थके हुए क्रू सदस्य बेहद खराब स्थिति में हैं और उन्हें लंबे समय तक प्रतीक्षा कराना अनावश्यक क्रूरता है।
बंदरगाह के किनारे मौजूद प्रवक्ता एलेसेंड्रा स्क्यूर्अबा ने कहा, “यह एक अविश्वसनीय स्थिति है।” उन्होंने कहा, “लोगों के बेहोश होने का खतरा है, शौचालय काम नहीं कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कि हमारा अपहरण कर लिया गया है।”
उन्होंने कहा कि नौका से उतरने देने के बारे कुछ नहीं हो रहा है। कोई नहीं जानता कि क्या होगा।
इस बीच, जर्मन चैरिटी सी-आई द्वारा संचालित एक अन्य एनजीओ जहाज, एलन कुर्दी लैम्पेदुसा के ठीक बाहर अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में है, जिसमें 65 अन्य लोग हैं।
इटली उत्तरी अफ्रीका के रास्ते यूरोप पहुंचने की कोशिश करने वाले प्रवासियों के लिए मुख्य गंतव्य स्थलों में से एक रहा है।