रांची: सांस्कृतिक रूप से भारत का एक सर्वाधिक समृद्ध राज्य झाररखंड में ‘टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट (टीएसजेएलएम)’ के तीसरे संस्करण ने आज एक बार फिर दस्तक दी है. दर्शकों एवं साहित्य-कला प्रेमियों के भारी भीड़ के बीच रांची में आज इसका उद्घाटन किया गया. राज्य की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने वाले दो दिवसीय उत्सव का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी लेखिका मृदुला गर्ग और अवनीश गुप्ता, वीपी, टीक्यूएम ऐंड शेयर्ड सर्विसेज, टाटा स्टील ने किया.
गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, “2017 से टीएसजेएलएम ने न केवल झारखंड और प्रदेश से, बल्कि पूरे भारत और दुनिया से प्रमुख लेखकों और वक्ताओं को आकर्षित किया है. भारी संख्या में उच्च स्तर के प्रतिभागियों की निरंतर उपस्थिति और स्थानीय सांस्कृतिक लोकाचार के बीच एक अंतर्निहित संबंध के साथ यह इवेंट दिनों-दिन उन्नति कर रहा है. मुझे यकीन है कि इस साल का संस्करण एक बार फिर से अनसुने विचारों और अरोधनीय आवाजो का जश्न मनाएगा.
लगभग तीस प्रकाशित पुस्तकों के साथ देश के अग्रणी हिंदी लेखकों में से एक मृदुला गर्ग ने अपने उद्घाटन भाषण में सहिष्णुता और संवाद के महत्व को रेखांकित किया. मृदुला गर्ग ने 45 वर्षों की अपनी यात्रा और लेखन के लिए निडर दृष्टिकोण के बारे में बात की. अपनी प्रत्यक्ष और मनोरंजक कहानियों के लिए सुप्रसिद्ध के प्रेरक सत्र को उनके घटनापूर्ण जीवन के उपाख्यानों के साथ पेश किया गया.
इसके बाद भारतीय अंग्रेजी साहित्य के जीवंत किंवदंती और देश के सबसे लोकप्रिय समकालीन अंग्रेजी लेखक रस्किन बॉन्ड के साथ एक सत्र आयोजित किया गया. उन्हें सुनने के लिए आये दर्शकों में विद्यार्थियों की संख्या सबसे बड़ी थी, जो अपने साहित्यिक नायक को देखने-सुनने के लिए पूरे राज्य से यहां जुटे थे. बॉन्ड ने बताया कि उन्होंने किस प्रकार सेमिनल साहित्यिक चरित्र रस्टी का सृजन किया. उन्होंने देहरादून की पहाड़ियों में शांत और कल्पित लड़के को जीवन में उतारने के अपने अनुभव के बारे में बताया. जाने-माने अभिनेता पति-पत्नी की जोड़ी पंकज कपूर और सुप्रिया पाठक के साथ दिन के आखिरी सत्र में दर्शकों ने बॉलीवुड का जलवा देखा.
दिग्गज थिसियन पंकज कपूर ने फिल्मों की दुनिया में दशकों की लंबी यात्रा के बारे में बात की और दर्शकों को उस दुनिया की एक दुर्लभ झलक दिखायी. दो दिनों के टाटा स्टील लिटरेरी मीट का पहला दिन अनूठे संगीत, नाट्य और अन्य कलात्मक प्रदर्शन के साथ संपन्न हुआ. गायन की दुनिया की सेन्सेशन सोनम कालरा ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों के साथ एकत्र लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस साहित्य कुंभ का दूसरा दिन नेमात सदात, अविज चंदा और गौरहरि दास सहित कई प्रसिद्ध लेखकों और कलाकारों के साथ निश्चित रूप से एक और प्राणपोषक दिन होगा. लोकप्रिय गायिका उषा उथुप भी अपनी जीवनी ‘उल्लास की नाव’ पर बात करने के लिए उपस्थित रहेंगी. पंकज कपूर द्वारा उनके उपन्यास दोपहरी के नाट्यात्मक पाठन के साथ टीएसजेएलएम के इस संस्करण का समापन होगा.