नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में शनिवार को हुए गोलीकांड के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सांसद के. के. रागेश ने रविवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर गृहमंत्री अमित शाह की धुन पर नाच रहे हैं.
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर शाहीन बाग में हो रहे विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी प्रदर्शनकारियों के साथ है. राज्यसभा सांसद रागेश ने कहा, ‘हम शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने आए हैं. विरोध करना सभी नागरिकों का अधिकार है और इसे छीनने का सरकार प्रयास कर रही है.
कल (शनिवार को) एक लड़का यहां आता है और गोली चला देता है. ऐसे लोगों को हिम्मत कहां से मिल रही है. दिल्ली (पुलिस) कमिश्नर (गृहमंत्री) अमित शाह की धुन पर नाच रहे हैं.’
गोलीकांड के एक दिन बाद रविवार को भी यहां लोग विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. शाहीन बाग में महिलाओं ने राष्ट्रगान गया और कहा, ‘चाहे कुछ भी हो, हम अपना स्थान नहीं छोड़ेंगे. यदि हम अपनी जगह छोड़ते हैं तो इससे एक गलत संदेश जाएगा.’
इस दौरान विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन देने के लिए कई राजनीतिक दलों के नेता यहां आए और उन्होंने लोगों को संबोधित किया. माकपा से के.के. रागेश और के. सोमप्रसाद सहित ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मुल्ला और सीआईटीयू के राष्ट्रीय सचिव ए. आर. सिंधु भी यहां मौजूद रहे.
सिंधु ने कहा, ‘सरकार ने मुस्लिम विरोधी माहौल बना दिया है. यह इस प्रकार का कानून लाकर हिंदुस्तान को बांट ने की कोशिश कर रहे हैं और हम ऐसा होने नहीं देंगे. बेरोजगारी और मंहगाई की समस्या से ध्यान हटाने के लिए भाजपा नेता (अनुराग ठाकुर) ‘गोली मारो’ जैसे बयान दे रहे हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम लोगों को यह बताने आए हैं कि ये लोग न राम के हैं न रहीम के. इनके पास मुद्दा नहीं है और अब शाहीन बाग के सहारे इनकी दिल्ली चुनाव लड़ने की तैयारी है, लेकिन शाहीन बाग के साथ पूरा देश खड़ा है. शाह और मोदी हिंदू-मुस्लमान को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.’
मुल्ला ने कहा, ‘राजग (राष्ट्रीय जंतात्रिक गठबंधन) और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की सरकार देश का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रही है. सीएए के खिलाफ आंदोलन सिर्फ यहीं नहीं बल्कि पूरे देश में चल रहा है और हम इसका समर्थन करने के लिए यहां आए हैं. 13 राज्य सरकारों ने कहा है कि वह इस कानून को लागू नही करेंगे, लेकिन मोदी व शाह सांप्रदायिक भावना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं.’