रांची 7 जुलाई : सीएम रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड के 24 जिलों के 44 नदी तट, 64 स्थल, 244 किलोमीटर का क्षेत्र और 8.25 लाख पौधरोपण एक माह में होगा। 2014 के बाद राज्य के वन क्षेत्र में 29 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। एक बार पुन: समय आ गया है कि अपने हिस्से का एक पौधा लगाएं और उसे पेड़ बनाएं। झारखंड को उसके नाम के अनुरूप वनों से आच्छादित करने में राज्य सरकार को सहयोग करें। जल, जंगल, जमीन और जलवायु हमारी अमानत है। इसका संरक्षण करना हमारा पुनीत कर्तव्य। सीएम रविवार को रांची के जुमार नदी तट पर आयोजित नदी महोत्सव सह वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
करम वृक्ष के एक लाख पौधे लगाए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति से जुड़े करम और सरहुल पर्व के दौरान करम के एक-एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। करीब 60 हजार करम के पौधे 2018 में लगाए गए थे। ऐसा करने का तात्पर्य इस बात पर निहित है कि सरहुल और करम पर्व प्रकृति जुड़े महत्वपूर्ण पर्व हैं। पुरातन काल से ही पेड़ पौधे हमारी संस्कृति और पूजा-पाठ से जुडे रहें हैं और रहेंगे।
सरकार विकास करेगी, प्रकृति का संरक्षण भी होगा
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सरकार की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है। सरकार जो भी विकास कार्य करेगी उसमें प्रकृति के संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। हम सभी को पता है कि पानी वही बरसता है,जहां पेड़ हैं, पेड़ नहीं होंगे तो वर्षा नहीं, वर्षा नहीं तो फसल नहीं। इसलिए भूमि, मिट्टी, पौधा, पानी और प्राणी का प्रबंधन करें, ताकि आनेवाली और वर्तमान पीढ़ी का जीवन सुखमय हो। इसी अनुरूप सरकार भी कार्य करेगी और राज्य की जनता से भी यही अपेक्षित है।
जल प्रबंधन की गंभीरता पर विचार जरूरी
प्रधानमंत्री ने देश में जल संकट को देखते हुए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है, जिससे जल प्रबंधन की दिशा में कार्य हो सके। दूषित जल की समस्या से देश और राज्य जूझ रहा है। शिशु और मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जल प्रबंधन अभियान इस दिशा में अपनी सार्थक भूमिका दर्ज करेगा।
अपने लगाए पौधे की रक्षा करें
मुख्यमंत्री ने समस्त राज्य वासियों से अपील किया कि इस अभियान में एक एक पौधा जरूर लगाएं और सप्ताह में एक दिन श्रम दान करें। अपने लगाए पौधे की रक्षा करें उसे सूखने ना दें।