नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी प्रमुख मनोज तिवारी ने मुस्लिमों को टिकट न दिए जाने पर कहा है, “अगर हम उन्हें टिकट दे भी दें तो वे (मुस्लिम उम्मीदवार) हमें जिता नहीं पाते.” उन्होंने कहा, “हमारे (केंद्र सरकार में) मुस्लिम समाज से बीजेपी के एक मंत्री हैं. हमें उन्हें (मुस्लिम नेताओं को) राज्यसभा व विधानपरिषदों के जरिए लाना पड़ता है.”
बता दें कि दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी के चुनाव अभियान के बारे में बात की. शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन, उनकी पार्टी के सांसदों द्वारा भड़काऊ बयान और भाजपा की 21 के बाद सत्ता में लौटने की संभावनाओं को लेकर उन्होंने बेबाकी से अपनी बात कही है.
जब उनसे पूछा गया कि भले ही भाजपा ने अनधिकृत कॉलोनियों के बारे में बात करते हुए विकास के मुद्दे से अपना अभियान शुरू किया हो, लेकिन अब पार्टी का अभियान शाहीन बाग पर केंद्रित है. आपके विरोधी कहते हैं कि भाजपा के पास बात करने के लिए कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है और वह ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है.
इस सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा कि वे यह कहकर लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है. इस चुनाव में विकास हमारा मुख्य एजेंडा है. हम आयुष्मान भारत के बारे में नि: शुल्क चिकित्सा देखभाल और लोगों को आवास प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन विरोधी इन नागरिक केंद्रित कल्याण योजनाओं को रोक रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि मोदी को श्रेय जाएगा. इन दोनों योजनाओं को लागू न करना दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार का मुख्य कारण होगा.
इसके बाद तिवारी ने कहा कि अपनी सभी जनसभाओं में, अमित शाह सबसे पहले विकास की बात करते हैं, लेकिन दिल्ली की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है.
तिवारी ने आगे कहा कि यदि 1,000-1,500 लोगों का एक समूह आ सकता है और बसों को आग लगा सकता है. वहां रहने वाले निवासियों को डरा रहा है और राज्य सरकार उन लोगों का समर्थन कर रही है जो हिंसा के पीछे हैं और उन्हें 5 लाख रुपये का चेक दे रहे हैं.
उऩ्होंने कहा कि हमने शाहीन बाग को मुद्दा नहीं बनाया. हमारा मुद्दा दिल्ली शांति बाग बनाने का है. उन्होंने दिल्ली शाहीन बाग बनाने के लिए अभियान शुरू किया. आज, बड़ी संख्या में शाहीन बाग के निवासी इसका विरोध कर रहे हैं. वे AAP और कुछ कांग्रेस नेताओं की वजह से इस क्षेत्र के बारे में शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं.
जब तिवारी से पूछा गया कि आप के सांसद अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को आयोग ने भड़काऊ टिप्पणी और नारे लगाने के लिए प्रचार करने से रोक दिया. “गोली मारने वाले” नारे के बाद शाहीन बाग और जामिया में गोलीबारी की तीन घटनाएं हुई हैं; वर्मा ने सीएम अरविंद केजरीवाल को “आतंकवादी” कहा और शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बारे में “बलात्कार और हत्या” की टिप्पणी की. क्या आप अपनी पार्टी के सांसदों द्वारा कही गई बातों से सहमत हैं?
इस सवाल के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा कभी भी किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करती है. हमारा मानना है कि देश का कानून गद्दारों को दंडित करने के लिए पर्याप्त है. अनुराग ने कभी गोली मारने की बात नहीं की है.बल्कि सच तो यह है कि शाहीन बाग में नारे लगाए जा रहे हैं, जैसे कि “पीएम को गोलो मेरो “, “एचएम को गोलो मेरो “, “जिन्ना वली आजादी.”
अनुराग ठाकपर मामले में कहा कि चुनाव आयोग पहले ही उन्हें सजा दे चुका है. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि चुनाव आयोग को शाहीन बाग में नारे लगाए जाने के बारे में विचार करना चाहिए …. और अमानतुल्ला खान, मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर जैसे नेता वहां भाषण दे रहे हैं. मैं ईसी से निवेदन करना चाहता हूं कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.