जमशेदपुर: को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में 120 सीटों पर नामांकन होना है जो प्रक्रिया अधीन है जिसमें नामांकन हेतु 20 जनवरी 2020 तक अंतिम तिथि दी गई थी. फिर अचानक उस तिथि को बढ़ाकर 22 जनवरी 2020 कर दिया गया. 24 जनवरी को कुछ प्रतिभागियों द्वारा प्रचार महोदय से यहां मांग की गई कि अभी तक प्रथम सूची में की गई नामांकन को सार्वजनिक किया जाए. जिस पर 27 तारीख तक प्राचार्य महोदय ने सार्वजनिक करने की बात कहीं एवं छात्रों को टालते रहे उसके बाद 28 जनवरी 2020 को एनएसयूआई के प्रतिनिधि मंडल ने इसे सार्वजनिक करने की मांग की जिस पर प्राचार्य महोदय ने आश्वस्त किया कि जल्दी से सार्वजनिक कर दी जाएगी. परंतु उसे सार्वजनिक नहीं किया गया मजबूरन 3 फरवरी 2020 को एनएसयूआई ने प्राचार्य महोदय का घेराव किया एवं 24 घंटे के अंदर इसे सार्वजनिक करने की मांग की. जिस पर प्राचार्य महोदय ने अनर्गल बहाने बनाकर छात्रों को गुमराह करने का प्रयास किया.
मजबूरन मंगलवार को एनएसयूआई द्वारा जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में धरना प्रदर्शन पर प्राचार्य महोदय का रवैया के विरोध में एवं प्रथम नामांकन सूची व नामांकन रजिस्टर कि छायाप्रति सार्वजनिक ना करने के विरोध में धरना दिया. एनएसयूआई का कहना है कि अगर नामांकन नियमानुसार हुई है तो से सार्वजनिक करने में दिक्कत क्या है और अगर नामांकन नियम के विरोध में हुई है तो एनएसयूआई से कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.
जिस प्रकार कॉलेज प्रशासन लगातार नामांकन सूची को सार्वजनिक करने में टालमटोल कर छात्रों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है उससे यह समझ में आता है कि कहीं ना कहीं इसमें पहुंच पैरवी का इस्तेमाल कर नामांकन प्रक्रिया में किसी खास का ध्यान रखा जा रहा है. ऐसा करना एनएसयूआई कतई बर्दाश्त नहीं करेगा एवं सार्वजनिक होने तक आंदोलन जारी रखी जाएगी. इसमें मुख्य रूप से छात्रसंघ अध्यक्ष कमल अग्रवाल, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रोज तिर्की, एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष सरोज पात्रो, नूरीन, फातिमा, अमर तिवारी, प्रशांत कुमार, रौनक कुमार, अनिर्बन घोष, जितेंद्र कुमार, राहुल कुमार एवं अन्य मौजूद थे.